________________ नीपना ए अतिसुविशाल सोहइ च्यारइ बारणां ए चिहुं दिसिइए आवता जाणि भवियण लोअण पारणां ए दीपतां ए पीठ ऊपरि देवछन्दइ विस्तर घणा ए चिहुँदिसिई ए मण्डिय च्यारि सिंहासण जिणवर तणां ए।। 7 / / च्यारइ ए एकतालीस अंगुलमाण जुगादिजिण थापिवा ए मण्डि उ जङ्ग सङ्घ पति पूछिय सुद्ध दिण सिरिगुरु ए तवगछराय सोमसुन्दरसूरि करकमलि प्रतिट्ठिया ए संवत् चऊद अट्ठाणुं फागुण बहुलई.............।। 8 / / पंचमई ए परमाणंद चन्दन केसरि पूज करि झलकता ए मूलनायक कं चणमय आभरण भरिय थापिया ए चिहुँ दिसिई सार परगरसि उंपरि वारिया ए जाणइं ए धरणिन्द आज काज सवे मई सारिया ए।। 9 / / . सासता ए जिणवर च्यारि जाणे विमलाचल सहिय फे डइ ए रायण रूंख दूख सवे पासई रहि य सो हइ ए सिरिसम्मेत सिहर अट्ठावइ गिरिवरू ए अभिनवां ए बहुतरी बिम्ब बावन नन्दीसर वरू ए।। 10 / / * एतला ए सवि अवतार देवछन्द इमिं भाविया ए बीजा ए जे अवतार मूल गम्भारइ ठाविया ए अनेरा ए जे छईं बिम्ब भावई भगतिइं ते थुणीय च्याल्या ए बाहिरि हेव जिणवर सवि जेती भणीय।। 11 / / हर खिया बीजि भूमि पावड़िया रे तिहि चडई ए पूजिवा ए आवइंरंगि इगतीस अंगुल वडवड़इ ए चिहुँ दिसिइं ए तिहिं अवधारि बइठा आदिल विविह परइं उससई ए भवियण काय देखीय मूरति भगति भरई / / 12 / / त्रीजीए भमि विचार इगवीस अंगल आदिजिण तिणिपर इं ए मनउहासि पूजु पण, भवियजण बार इ ए मूलनायक मम्माणी षाणी तणा ए अवतरिया ए जाणे बार दिनकर महियलि दीपतां ए।। 13 / / विदिसई ए सिखर सिंगार बार-बार जिण जूजूया ए सीलमई ए चंपकमाल सासय पजा पजिया ए उंचउ ए गज छत्रीस अनुपम शिखर त्रिभूमिवर * जोयतां ए सोभसंभार भवियण मण उल्हासकर / / 14 / / राजतु ए सोवंनवंन इग्यारइ गज उंचपणि झलकतु ए उंचउ दंड कलस पुरिस परिमाण पुण लेख संग्रह 265