________________ संस्कृत व्याख्याओं के अतिरिक्त प्राचीन राजस्थानी, मरु गुर्जर, गुजराती, हिन्दी आदि भाषाओं में आगम-साहित्य पर जो विस्तृत विवरण लिखे गये हैं वे बालावबोध के नाम से और जो संक्षिप्त विवरण लिखे गये हैं वे स्तवक (टब्बा) के नाम से प्रसिद्ध हैं / आज के समय में अनुवाद या विवेचन शब्द प्रचलन है। भाषा-टीकाओं में भी तरुणप्रभाचार्य, पार्श्वचन्द्रसूरि, समरचन्द्रसूरि आदि अनेकों व्याख्याकारों के शताधिक बालावबोध आदि प्राप्त होते हैं। यद्यपि संस्कृत भाषा में सर्जित आगमिक टीका साहित्य का विभिन्न संस्थाओं द्वारा विपुल परिमाण में प्रकाशन हुआ है तदपि अब भी प्रचुर परिमाण में प्रकाशन योग्य साहित्य शेष है, जो कि प्रकाशन की प्रतीक्षा में संस्थानों/भण्डारों में विद्यमान है। आगमिक व्याख्या साहित्य में जो टीका साहित्य अद्यावधि अप्रकाशित है उसकी सामान्य शोध के अनुसार तालिका प्रस्तुत कर रहा हूँ। विशेष अध्ययन और अन्वेषण करने पर अन्य अनेक अप्रकाशित टीका साहित्य की उपलब्धि हो सकती है। तालिका ग्रन्थ-नाम टीका-नाम टीकाकार ई० सं० विशेष 1. आचारांग सूत्र (1) आचार चिन्तामणि जिनचन्द्रसूरि १८वीं रा.प्रा.वि.प्र., जोधपुर (2) तत्त्वावगमा. लक्ष्मीकल्लोल 1546 (3) दीपिका. अजितदेवसूरि 1629 2. स्थानांग सूत्र (1) दीपिका. नगर्पि 1657 (2) टीका. जिनराजसूरि १७वीं : अनुपलब्ध (3) गाथागतवृत्ति हर्पनन्दन, सुमतिकल्लोल• 1705 3. भगवती सूत्र (1) टीका जिनराजसूरि १७वीं चम्पालाल वैद - भीनासर संग्रह (2) टीका भावसागर - 1571 (3) टीका सोमसुन्दरसूरि. १६वीं 4. ज्ञाताधर्मकथा (1) टीका लक्ष्मीकल्लोल. (2) टीका कस्तूरचन्द्रगणि.. 1899 5. उपासकदशा सूत्र (1) टीका हर्षवल्लभ. 1693 (2) टीका विवेकहंस. 6. प्रश्नव्याकरण सूत्र (1) टीका अजितदेवसूरि / १७वीं 7. राजप्रश्नीय सूत्र (1) टीका रत्नप्रभसूरि 8. जीवाभिगम सूत्र (1) टीका पद्मसागर 1700 (2) टीका जीवविजय 9. प्रज्ञापना तृतीय पद (1) टीका कुलमण्डन संग्रहणी 10. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति (1) टीका पुण्यसागरोपाध्याय 1645 (2) टीका उ० धर्मसागर- 1639 हरिविजयसूरि (3) टीका ब्रह्मर्पि 11. चतु:शरण प्रकीर्णक (1) अवचूरि गुणरत्नसूरि लेख संग्रह १६वीं