________________ अजाण पंच-लक्खं तीस-सहस्साहि यं तए विहि यं / तुह भत्तिपरा तुबुरु-मह याली सव्वविरियनिवा॥ 6 // लक्ख अ बारसंगं घुट्ठाण वयं तु चत्त लक्खाई। अभिनंदणाउ जिणओ नवसागर कोडि-लक्खे हि // 7 // साहु सहस्सेणं समं सम्मेए चित्त-सुद्ध-नवमीए। पत्तोसि सुह मणं तं तं देसु ममावि किमऽ जुत्तं // 8 // *** सिरि पउमप्पहणाह-थुत्तं सिरि पउमप्पह ! पुहइं पहासिउं माह - बहु लछट्ठीए / सव्वुवरिम-गे विज्जा तुमं पवनो सि कोसंबि॥ 1 // जाओसि धर-सुसीमाण कत्तिए बहु ल-बार सीइ तुमं / अड्डाइज-धणुस्सयपमाण कमलंक रत्तं गं // 2 // अद्धट्ठ मा. कु मारो लक्खा पुव्वाण सड्ड इगवीसं / सोलस अंगा य निवो सह निव-सह सेण सह संबे // 3 // छ8 ण विणिक्खं तो पहु कत्तिय-कसिण-तेरसीइ तुमं / पर मनां च पवनो बीयदिणे सो मदे वाउ // 4 // छम्मासंते. नाणं तम्मि वणे चित्त-पुन्निमाए तए / लद्धूण• कयं गणहर-सत्तहि यसयं मुणीणं तु // 5 // तीस सहस्स-तिलक्खं अजाणं वीस सहस चउलक्खं / तुह सामि सेवगा कुसुम-अच्चु या अजियसेण-निवा॥ 6 // तुह वयमसोलसंगं लक्खं पुव्वाण तीस लक्खाऊ / सुमइ-जिणाणंतर मयर को डि - नवई सह स्से हिं // 7 // सम्मेए चउ वीसहि एहिं तिहिं सएहिं समं / मग्गसिर -कसिण-इक्कारसीइ निव्वुय नमो तुज्झ // 8 // . *** सिरि सुपासणाह-थुत्तं तिहु यणसिरिवास-सुपाससामि! कसिण? मीइ भद्दवए। मज्झिम उवरिमओ तुह चरणं भवियाण कुणउ सुहं // 1 // वाणार सीइ सिय-बार सीइ जितु पइट्ठ-पुह इ-सुओ। दुसय-धणू सियवर-सत्थियंक कणयप्पहो ते सिं // 2 // पुव्वाण पंच लक्खा वीसंगजुयं च लक्ख चउ दसगं / कु मर-नर नाह भावं अणुभविय नरिंद-सह सजुओ // 3 // सह संबवणे कयछट्ठ जिट्ठ -सिय-तेर सीइ नीह रिओ। जिणचंद महिंदाओ बीयदिणे पायसं पत्तो॥ 4 // लेख संग्रह 199