________________ 223 182 717 191 410 412 बृहत्कल्पसूत्र-चूर्णि-पीठिकाविभागसत्क-गाथानां अनुक्रमणिका पुव्वं पि अणुवलद्धो पुव्वं मलिया उस्सा० 720 पुव्वं सुत्तं पच्छा 191 पुव्वभवे वि अहीयं पुव्वण्हे लेपगहणं 495 पुव्वण्हे लेवगमं 494 पुव्वावरायया खलु 675 पूतलियलग्ग अगणी 484 पूरंतिया महाणो 381 पूरंती छत्तंतिय 380 492 491 53 110 129 129 171 126 104 104 672 480 379 378 फलएणेक्को गहाय / 202 200 557 406 402 बलि धम्मकहा किड्डा बहुसुत चिरपव्वइओ बहुस्सुते चिरपव्वतिते बंधट्ठिती पमाणं बंधाणुलोमता खलु बीए वि णत्थि खीरं बीयमबीयं णाउं 143 109 108 27 554 404 400 91 92 173 173 238 221 M0 237 220 115 429 143 132 504 166 339 265 भद्द तिरी पासंडे. भंगगणियादि गमियं भावचलगंतुकामं भावस्सेगतरस्स उ भाविय इयरे य कुडा भावे उवक्कम वा भावेण संगहादी० भावोग्गहो अहव दुहा भासाचपलो चउहा भिक्खं चिय हिंडंता भिक्खं वा वि अडतो भिक्खु विह तण्ह वद्दल भिज्जेज्ज लिप्पमाणं भेदा सोहि अवाया भेदो य मासकप्पे 434 143 508 166 341 267 167 688 756 619 746 745 530 175 685 753 191 159 188 188 135 113 743 742 528 417 546 419 549 140