________________ 219 519 253 67 146 130 200 84 499 790 301 667 389 170 106 56 35 Mm 291 78 बृहत्कल्पसूत्र-चूर्णि-पीठिकाविभागसत्क-गाथानां अनुक्रमणिका तद्दिवसं पडिलेहा 522 तम्हा उ णिक्खिविस्सं 254 तम्ही खलु अब्बाले 569 तम्हा दुचक्क पतिणा 502 तम्हा न कहेयव्वं 793 तवकाले आसज्ज व 303 तसबीतादि व दिढे 670 तं पुण चेतियणासे 391 तं पुण जहत्थणियतं 56 तं मणपज्जवणाणं तावसखउरकढिणयं 347 तिट्टि त्ति णंदगोवस्स 78 तिण्हारेण समाणं 784 तित्तकडुओसहाई तिपयं जह ओवम्मे 307 तिरिएसु वि एवं चिय 433 तिरियमणुइत्थियातो 594 तिविधो बहुस्सुतो खलु 404 तिविहं च होइ करणं तिविहित्थि तत्थ थेरिं 741 तितिणिए चलचित्ते तुच्छा गारवबहुला . 146 तुरियं णाहिज्जंते 722 तुल्ला चेव उ ठाणा 710 तुल्ले च्छेयणभावे तूरपइ दिति मा ते 644 तेगिच्छमते पुच्छा ते गुरुलहुपज्जाया ते चेव विवढुंता 230 ते च्चिय लहु कालगुरु 431 तेण परं आवातं 469 तेण परं पुरिसाणं 468 तेणे सावय ओसह 759 ' 85 115 152 108 345 77 781 289 304 428 591 402 94 638 762 146 95 27 765 164 194 37 182 719 180 707 83 165 378 103 641 376 68 9 114 123 123 465 464 756 दगदोद्धिगाइ जं पुव्व० दृटुं पिणे न लब्धामो 661 575 168 148 658 572