________________ 209 बृहत्कल्पसूत्र-चूर्णि-पीठिकाविभागसत्क-गाथानां अनुक्रमणिका आहारे उवगरणे.. 750 190 747 690 731 175 185 687 728 67 21 इक्कडकढिणे मासो इति दोसगुणे णाउं इति पोग्गलकायम्मी इत्थं पुण अहिगारो इत्थिणपुंसावाए इत्थिणपुंसावाते इत्थी पुरिस णपुंसग 148 453 148 458 471 640 120 124 164 467 637 604 154 192 . 183 762 724 321 598 481 323 89 153 601 759 721 319 595 477 321 126 462 उग्गमउप्यायणए. उग्गहणधारणाए उच्छुकरणो व कोट्ठग० उज्जयसग्गुस्सग्गो उडुवासा समतीता . उड्डादीणि उ विरसम्मि - उण्णतमविक्ख णिण्णस्स उत्तरगुणणिप्कण्णा उत्तर पुव्वा पुज्जा उत्तरिए जध दुमादी उद्दिढ तिगेगयरं उद्दिढ तिगेगयरं उद्दिसिय पेह अंतर . उद्दिसिय पेह संगय उय वइकारो ह चि य उल्लेऊण न सक्का उवगरणं वामग० उवदेसेण सयं वा उवमाइ अलंकारो उवमारूवगदोसो उवयार अणि?रया उवयोगं च अभिक्खं उवयोग सरपयत्ता उवलद्धी अगुरुलहू उववाएण व सायं उवसमसम्मा पडमा० 121 85 157 168 157 310 613 658 612 657 289 337 457 307 610 655 609 654 287 168 78 93 335 464 1 459 28 98 286 284 281 316 80 283 318 525 141 134 522 72 117 120 124 127