________________ 208 बृहत्कल्पचूर्णिः // [पीठिका 27 12 93 361 176 595 266 719 71 359 176 592 264 716 727 432 182 730 185 115 119 446 437 451 477 255 766 125 68 473 254 763 805 194 204 808 170 170 90 339 26 89 93 337 692 आ| आउयवज्जा उ ठिई आगंतु वाधिखोभो आगमतो सुतणाणी आगाढमिच्छदिट्ठी आगारिंगितकुसलं आणाणवत्थ मिच्छा आणा विकोवणा बुज्झ० आत पर तदुभए वा आता पवयण संजम आता पवयण संजम आदिल्लाणं दुण्ह वि आदीअदिटुभावे आधारितसुत्तत्थो आधारो आधेयं आभिणिबोहमवायं आयरिए सुत्तम्मि य आयरिय गणी इड्डी आयरियत्तणतुरितो आयरियवण्णवादी आयारदिट्ठिवाय० आयारपकप्पधरा आयसमुत्था तिरिए आलंबणमलहंती आलोयणं पउंजइ आलोयणं पउंजति आलोयणं पउंजति आलोयणं पउंजति आवातदोस तइए आवासगमाईया आवासगमादी या आवाससोहि अखलं० आलोएउ य दिसा आलोगं पि य तिविहं आसण्णपतीभत्तं आसादेउं व गुलं आहणणादी दित्ते 373 176 103 187 186 375 741 735 696 441 119 738 732 693 176 116 436 120 397 395 392 394 396 107 107 107 108 116 394 397 437 776 384 619 442 779 386 622 447 196 105 159 442 460 388 386 121 128 433 438