________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 卐१-२-0-0॥ - // भारत-वर्ष के हृदयस्थल स्वरूप मालवभूमि - मध्यप्रदेश में शत्रुञ्जयावतार मोहनखेडा तीर्थाधिपति श्री आदिनाथ-जिनेश्वराय नमो नमः // // परमपूज्य, विश्ववन्द्य, अभिधानराजेन्द्रकोष-निर्माता, भट्टारक, सरस्वतीपुत्र, कलिकालसर्वज्ञकल्प, स्वर्णगिरी-कोरटा-तालनपुरादितीर्थोद्धारक, क्रियोद्धारक, प्रभुश्रीमद् विजयराजेन्द्रसूरीश्वर पट्टप्रभावक आचार्यश्रीमद् विजयधनचन्द्रसूरीश्वर पट्टभूषण आचार्य श्रीमद् विजयभूपेन्द्रसूरीश्वर पट्टदिवाकर आचार्य श्रीमद् विजययतीन्द्रसूरीश्वर पट्टालङ्कार आचार्य श्रीमद् विजयविद्याचन्द्रसूरीश्वरादि सद्गुरु चरणेभ्यो नमो नमः // 卐 नमः श्री जिन प्रवचनाय 卐 श्री आचाराङ्ग-सूत्रम् विभागः ( अध्ययन-२-३-४-५ ) द्वितीयः तत्र / श्री शीलाङ्काचार्यविरचितवृत्ति की राष्ट्रभाषा "हिंदी" में राजेन्द्र सुबोधनी “आहोरी" हिंदी टीका... "मूल-सूत्र संस्कृत-छाया 9 सूत्रार्थ फु टीका-अनुवाद 9 सूत्रसार..." तत्र प्रथम-श्रुतस्कन्धे द्वितीयमध्ययनम् "लोकविजय" मङ्गलाचरणम् श्रीमद् ऋषभदेवादि - वर्धमानान्तिमान् जिनान् / नमस्कृत्य नमस्कुर्वे सुधर्मादि - गणधरान् // 1 //