________________ 196 1 -2-6 - 9 (108) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन - -- बात हि कहां? कुशल याने क्षीणघातिकर्मवाला... तीर्थंकर या सामान्य केवली... अथवा कर्मो से बद्ध किंतु मोक्षार्थी और मोक्ष के उपायों को ढूंढनेवाला... साधु... तथा केवली भगवान् तो क्षीण घातिकर्मोवाले होने से बद्ध नहि है, और भवोपग्राही चार अघातिकर्मो के सद्भाव से मुक्त भी नहि है अतः उन्हें अबद्धमुक्त कहा गया है... अथवा तो यहां छद्मस्थ मुनी को ग्रहण करें तो कुशल याने ज्ञान-दर्शन-चारित्रवाला तथा मिथ्यात्व एवं बारह कषायों का उपशम होने के कारण से उनके उदयवाले जीवों की तरह वे बद्ध नहि है, और अभी भी उन कर्मो की आत्मा में सत्ता है, अतः सर्वथा मुक्त भी नहि है... इस प्रकार वह कुशल मुनी केवली हो या छद्मस्थ... वे कुशल मुनी पुरातनकाल में जो आचरण करते थे, या वर्तमानकाल में पंचाचार का आचरण करतें हैं, उन्हे अन्य मुनी भी आचरण करे... इस प्रकार के उपदेश की बात अब सूत्रकार महर्षि आगे के सूत्र से कहेंगे... V सूत्रसार : प्रस्तुत सूत्र में यह बताया गया है, कि- उपदेशक को स्व और पर सिद्धान्त के साथ श्रोताओं की स्थिति, योग्यता एवं मान्यता का भी ज्ञान होना चाहिए। यदि वह परिषद् में उपस्थित व्यक्तियों की प्रकृति से परिचित नहीं है, तो ऐसी स्थिति में दिया गया उपदेश अनर्थ एवं उपद्रव के स्वरूप में परिणत हो सकता है, उसका परिणाम उपदेशक की अपेक्षा के विपरीत भी आ सकता है। श्रोताओं के विचारों को जाने बिना दिया गया उपदेश कभी कभी उनकी भ्रमणाओं को को बढ़ा देता है। अपने विचार एवं मान्यताओं से विपरीत बात सुनकर उनके विचारों में आवेश आ जाना स्वाभाविक है और फिर उन्हें संभालना वक्ता के लिए कठिन हो जाता है। आजकल सभाओं में कई बार ऐसे विषम प्रसंग उपस्थित हो जाते हैं। इसलिए प्रस्तुत सूत्र में बताया गया है कि- धर्मोपदेशक मुनि को श्रोताओं के अभिप्राय का, उन की मान्यताओ का बोध होना चाहिए। अन्यथा उसके उपदेश से लोगों में उनके प्रति अनादर का भाव उत्पन्न होगा और परिणाम स्वरूप वे उपदेशक को तिरस्कार एवं अपमान जन्य शब्दों से तिरस्कृत कर सकते हैं। यदि कहीं वे अधिक उग्र हुए तो डंडे आदि का प्रहार भी कर सकते हैं। अतः जो वक्ता देश, काल एवं श्रोताओं की मान्यताओं से परिचित होता है, वह परिषद् में कभी भी उपहास-अपमान को प्राप्त नहीं होता। उपदेश का उद्देश्य लोगों को यथार्थ मार्ग दिखाना है। इसलिए उपदेशक को बड़ी