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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 1-1 - 5 - 8 (47) 251 होता है, इस प्रकार स्वयं भगवान या अनगारों के पास से वनस्पतिकायिक आरंभ के अनष्टि फल को सुन कर, सम्यक् श्रद्धा से बोध को प्राप्त हुआ व्यक्ति यह जान लेता है कि- यह वनस्पतिकाय का आरंभ, अष्ट कर्मों की गांठ रूप है, मोह रूप है, मृत्यु का कारण है और नरक का कारण है / फिर भी विषय-वासना में आसक्त व्यक्ति विभिन्न शस्त्रों के द्वारा और वनस्पति कर्म से वनस्पतिकायिक जीवों का तथा उसके आश्रय में स्थित अन्य त्रस एवं स्थावर अनेक जीवों की हिंसा करता है / v टीका-अनुवाद : इस सूत्रकी टीकाका भावानुवाद पूर्वकी तरह समझीयेगा... केवल पृथ्वीकायकी जगह वनस्पतिकाय का आलापक बनाना है... अब वनस्पति-जीवोंके होनेके चिह्न का निर्देश करने के लिए सूत्रकार महर्षि आगेका सूत्र कहेंगे... VI सूत्रसार : इस विषय का वर्णन पृथ्वीकाय एवं अप्काय के प्रकरण में विस्तार से कर चुके हैं / उसी के अनुसार यहां भी समझना चाहिए, अन्तर इतना है कि पृथ्वी एवं अप्काय की जगह वनस्पति समझना चाहिए / ___ इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि- वनस्पति सजीव है / फिर भी कुछ लोगों को समझ में नहीं आता / इस लिए सूत्रकार कुछ हेतु देकर वनस्पति की सजीवता प्रमाणित करते हुए आगे का सूत्र कहेंगे... I सूत्र // 8 // // 47 // से बेमि, इमं पि जाइधम्मयं एयं पि जाइधम्मयं, इमं पिबुद्धिधम्मयं, एयं पिबुद्धिधम्मयं इमं पि चित्तमंतयं एवं पि चित्तमंतयं इमं पि छिण्णं मिलाइ, एयं पि छिन्नं मिलाइ, इमं पि आहारगं एयं पि आहारगं, इमं पि अणिच्चयं एयं पि अणिच्चयं, इमं पि असासयं एयं पि असासयं, इम पि चओवचइयं एयं पि चओवचइयं, इमं पि विपरिणामधम्मयं एयं पि विपरिणामधम्मयं // 47 / / II संस्कृत-छाया : सोऽहं ब्रवीमि, इदमपि जातिधर्मकं, एतदपि जातिधर्मकम् / इदमपि वृद्धिधर्मकं, एतदपि वृद्धिधर्मकम् / इदमपि चित्तवत् एतदपि चित्तवत् / इदमपि छिन्नं म्लायति एतदपि छिन्नं म्लायति / इदमपि आहारकं एतदपि आहारकम् / इदमपि अनित्यकं एतदपि अनित्यकम् / इदमपि अशाश्वतं एतदपि अशाश्वतम् / इदमपि चयोपचयिकं एतदपि चयोपचयिकम् / इदमपि
SR No.004435
Book TitleAcharang Sutram Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages390
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size10 MB
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