________________ 150 1 -1-2-4 (17) श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन निश्चय ही / एस-यही पृथ्वीकाय का समारंभ / गंथे-अष्ट कर्म बन्ध का कारण है / एस खलु मोहे-यह मोह का कारण है / एस खलु मारे-यह मृत्यु का कारण है / एस खलु णरएयह नरक का कारण है / इच्चत्थं-आहार, आभूषण या प्रशंसा आदि के लिए / गड्ढिएमूछित / लोए-लोक-प्राणी इस पृथ्वीकाय के जीवों की हिंसा करते हैं / जं-जिससे / इमंइस पृथ्वीकाय को / विरूवसवेहि-नाना प्रकार के / सत्थेहि-शस्त्रों से / पुढ़वीकाय संमारम्भेण-पृथ्वी संबंधी शस्त्र का आरम्भ करने से / पुढ़विसत्थं-पृथ्वी शस्त्र का / समारम्भमाणे-प्रयोग करते हुए / अण्णे-अन्य / अणेगसवे-अनेक तरह के / पाणे-प्राणियों की / विहिंसइ-हिंसा करता है / प्रश्न-एकेन्द्रिय जीव, हिंसा जनित वदना का अनुभव किस प्रकार करते हैं ? उत्तर-सेवेमि-हे शिष्य ! इसे मैं बताता हूं / अप्पेगे-जैसे कोई पुरुष / अन्धं-जन्मांध, . मूक, बधिर, पंगु पुरुष को / अब्भे-कुन्तादि से भेदन करे / अप्पेगे-कोई व्यक्ति / अन्धमच्छेअंध, बधिर, मूक और पंगु व्यक्ति का शस्त्र द्वारा छेदन करे / जन्मांध, बधिर और मूक व्यक्ति की अव्यक्त वेदना के उदाहरण द्वारा पृथ्वीकाय जीवों की वेदना समझाकर अब सूत्रकार एक व्यक्त चेतना वाले व्यक्ति के उदाहरण द्वारा पृथ्वीकायिक जीव की वेदना से तुलना करते हैं / जैसे किसी व्यक्ति का, अप्पेगे-कोई पुरुष। : पायमल्भे-पांव का भेदन करे / पायमच्छे-पांव का छेदन करे। गुल्फमटभे-गिट्टों का छेदनभेदन करे / जंघमब्भे २-जंघाओं का छेदन-भेदन करे / जाणूमब्भे 2 जानुओं का छेदन-भेदन करे। उरुमब्भे २-उरुओं का छेदन-भेदन करे / कडिमब्भे २-कटि-कमर का छेदन-भेदन करे। णाभिमब्भे २-नाभि का छेदन-भेदन करे / उदरमब्भे २-उदर-पेट का छेदन-भेदन करे / पासमब्भे-पार्श्व का छेदन-भेदन करे / पिट्ठमब्भे २-पृष्ट भाग-पीठ का छेदन-भेदन करे / उरुमब्भे २-छाती का छेदन-भेदन करे / हिययमब्भे २-हृदय का छेदन-भेदन करे / थणमब्भे २-स्तनों का छेदन-भेदन करे / खंधमध्भ-स्कंध का छेदन-भेदन करे / बाहुमब्भे २-भुजाओं का छेदन-भेदन करे / हत्थमब्भे २-हाथों का छेदन-भेदन करे / अंगुलिमब्भे २-अंगुलियों का छेदन-भेदन करे / णहमभे २-नखों का छेदन-भेदन करे / गीवमब्भे २-ग्रीवा-गर्दन का छेदन-भेदन करे / हणुमब्भे २-ठोडी का छेदन-भेदन करे / ओठमब्भे २-ओष्ठों का छेदनभेदन करे / दंतमब्भे २-दांतो का छेदन-भेदन करे / जिब्भमब्भे २-जिह्वा का छेदन-भेदन करे। तालुमब्भे २-तालु का छेदन-भेदन करे / गलमब्भे २-गले का छेदन-भेदन करे / गंडमब्भे २-गंडस्थल-कपोल का छेदन-भेदन करे / कण्णमब्भे २-कान का छेदन-भेदन करे / णासमब्भे २-नासिका का छेदन-भेदन करे / अच्छिवटभे २-आंखो का छेदन-भेदन करे / ममुहमब्भे २-भकुटियों का छेदन-भेदन करे / सीसमब्भे २-मस्तिक का छेदन-भेदन करे /