________________ 609 से 623 8/7 से 15 पृ. 353 से 373 33/5 से 15 1/3 से 31 609 से 623 पृ. 29 से 38 1 से 21 1635 625 625, पृ. 39 56, पृ. 187 626 1638, 1638 276 से 280 53 244. धर्मसंग्रहणी 245. तत्त्वार्थ भाष्य 246. उत्तराध्ययन सूत्र टीका 247. प्रशमरति 248. प्रथम कर्मग्रंथ टीका 249. धर्मसंग्रहणी टीका 250. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 251. विशेषावश्यक भाष्य 252. धर्मसंग्रहणी 253. योगशतक 254. धर्मसंग्रहणी टीका 255. योगशतक टीका 256. धर्मसंग्रहणी 257. विशेषावश्यक भाष्य 258. धर्मसंग्रहणी 259. योगशतक टीका 260. उत्तराध्ययन सूत्र 261. पञ्चास्तिकाय 262. योगबिन्दु 263. धर्मसंग्रहणी 264. योगशतक 265. धर्मसंग्रहणी 266. योगबिन्दु 267. योगशतक टीका 268. विशेषावश्यक भाष्य 269. तत्त्वार्थ सूत्र 270. दशाश्रुतस्कंध 271. पातञ्जल योगदर्शन 272. पातञ्जल योगदर्शन टीका 273. मनुस्मृति 274. सांख्यकारिका 275. कर्मप्रकृति 276. श्रावक प्रज्ञप्ति 277. कर्मग्रंथ 278. ललित विस्तरा 32/7 128 571 573 1977 8/22 2/15 2/15, पृ. 174 6/92 23 141, 143 98 5/19, 20, 21 184 गा. पृ. आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIIIII पंचम अध्याय | 387 ]