________________ 230. आचारांग चूर्णि मू.पा.रि. 231. तत्त्वार्थ भाष्य 232. आचारांग सूत्र 233. पंचवस्तुक सूत्र 234. धर्मसंग्रहणी 235. धर्मसंग्रहणी टीका 236. वही 237. योगशास्त्र 238. पञ्चवस्तुक 239. आचारांग सूत्र 240. आचारांगवृत्ति 241. आचारांग चूर्णि मू.पा.टि 242. तत्त्वार्थ सर्वार्थसिद्धि टीका 243. आचारांग सूत्र 244. पञ्चवस्तुक 245. धर्मसंग्रहणी 246. पञ्चवस्तुक 247. आचारांगसूत्र 248. समवायांग सूत्र 249. तत्त्वार्थ टीका 250. आचारांग सूत्र 251. पञ्चवस्तुक सूत्र 252. धर्मसंग्रहणी 253. वही 254. श्री भगवती सूत्र 155. धर्मसंग्रहणी 256. सम्बोध प्रकरण 257. पञ्चवस्तुकसूत्र 258. आचारांगसूत्र 259. तत्त्वार्थ टीका 260. आचारांगसूत्र 261. पञ्चवस्तुक 262. धर्म संग्रहणी पृ. 278 पृ. 320 अ. 15 सू. 391 गा. 652 पूर्वार्ध गा. 896 गा. 897 से 808 गा. 922 से९२५ श्लो. 61 गा. 656 अ. 15 सू 392 पृ. 428 पृ. 283 अ.७/४ अध्याय 15, सू. 393 गा. 652 उत्तरार्ध गा. 926 गा. 657,658 अ. 15 सू 94 सम. 24 अ.७/४ अ. १५/सू. 295 गा. 653 पूर्वार्ध गा. 956,961 गा. 966 श. 1 उद्द सु. 9 गा. 880,881 गा. 62 से 81 गा. 659 अ. 15 सू. 396 अ. 7/4 पृ. 288, 289 अ. 15. पृ. 397 गा. 653 उत्तरार्ध गा. 986 से 989 [ आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIA चतुर्थ अध्याय | 3187