________________ 197. धर्मबिन्दु 198. उपासकदशाङ्ग . 199. श्रावक प्रज्ञप्ति 200. श्रावक धर्मविधि प्रकरण 201. पञ्चाशक 202. धर्मबिन्दु 203. उपासक - दशाङ्ग 204. तत्त्वार्थ सूत्र 205. वंदिता सूत्र 206.. स्थानांग टीका 207. भगवती सूत्र टीका 208. दशवैकालिक नियुक्ति 209. दशवैकालिक बृहद् टीका 210. अनुयोगद्वार (गुजराती अनुवाद) 211. प्रशमरति 212. दशवैकालिक बृहद् वृत्ति 213. श्री अभिधान राजेन्द्र कोष 214. स्थानांग सूत्र टीका' 215. दशवैकालिक नियुक्ति .116. दशवैकालिक बृहद्वृत्ति 117. श्री भगवद् गीता 118. श्री प्रश्न व्याकरण 119. कल्पसूत्र वालावबोध 120. अभिधान राजेन्द्र कोष 121. वही 122. ज्ञाता धर्म कथांग 123. स्थानांग 124. पक्खिसूत्र 125. आचारांगसूत्र 126. पञ्चवस्तुक 227. धर्मसंग्रहणी 228. पञ्चवस्तुक 229. आचारांग सूत्र अ. 3/18 अ.१ गा. 327 गा. 102 गा. 32 अ. 3/34 पृ. 20 अ. 7/30 गा. 30 स्था. 4 उद्दे. 4 21-1 उद्दे-१ गा. 154, 155, 156, 157 पृ. 83 पृ. 469 गा. 251,252 पृ. 23 भाग.७ पृ. 410 स्था. 4 उद्दे-४ गा. 151 पृ. 84 14/24/24 2/4/9 पृ-९ भाग. 6 पृ.८८५ भागा. 6 पृ. 776 अ. 5 सू. 31 स्था 5. उद्दे - 1 प्रारंभ में अ. 15 सू. 389 गा. 650 से 651 गा. 862 से 874 गा. 655 अ. 15 सू 390 | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व V NA चतुर्थ अध्याय | 317 )