________________ 65. वही 66. तर्क भाषा .67. कर्मग्रंथ 68. गोम्मटसार 69. स्थानांग सूत्र 70. नन्दीहारिभद्रीयवृत्ति 71. तत्त्वार्थ सूत्र 72. कर्मग्रंथ 73. नन्दी हारिभद्रीयवृत्ति 74. तर्क भाषा 75. नन्दी हारिभद्रीयवृत्ति 76. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय वृत्ति 77. तत्त्वार्थ सूत्र 78. तर्कभाषा 79. नन्दी हारिभद्रीय वृत्ति 80. धर्मसंग्रहणी. 81. धर्मसंग्रहणी टीका 82. धर्मसंग्रहणी 83. धर्मसंग्रहणी टीका 84. देववंदनमाला, ज्ञान का चैत्यवंदन 85. विशेषावश्यक भाष्य 86. धर्मसंग्रहणी 887. नन्दी हारिभद्रीय वृत्ति 88. वही . 89. धर्मसंग्रहणी टीका 90. नन्दी हारिभद्रीय वृत्ति 91. विशेषावश्यकभाष्य 92. धर्मसंग्रहणी टीका 93. नन्दी हारिभद्रीय वृत्ति 94. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय वृत्ति 95. धर्मसंग्रहणी 96. विशेषावश्यकभाष्य 97. धर्मसंग्रहणी गा. 501 से 548 पृ. 63 गा. 1/7 गा. 316, 317 2 स्था, उद्दे. 1, सू.१५ पृ. 31 अ. 1/23 गा.१/८ पृ. 32 पृ. 69, 70 पृ. 45 पृ. 82, 83 अ. 1/24 पृ. 73 पृ. 48 गा. 836 से 847 पृ. 133, 139 गा.८४० पृ. 134 5/4 गा. 97 गा. 851 पृ. 26 पृ. 25 पृ. 141 पृ. 25 गा. 86 पृ. 142 पृ. 26 . पृ. 57 गा. 854 गा. 85, 86, 87 गा. 855 [ आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIN व तृतीय अध्याय | 239)