________________ पृ. 253 अ. 3/5 गा. 3/62 श्लो. 10/4 श्लो. 11/7 श्लो. 11/8,9 अ. 6/30 सूत्र गा. 888, 882 श्लो. 2/11, 12, 13 श्लो. 1/65, 66, 67 44444 32. योगबिन्दु 33. पश्चाशक 34. सम्बोध प्रकरण 35. श्रावक प्रतिमा विंशिका 36. षोडशक प्रकरण 37. वही 38. धर्मबिन्दु 39. उपदेशपद 40. देशनाद्वात्रिंशिका 41. अध्यात्म उपनिषद् 42. नन्दीसूत्र हिन्दी विवेचन 43. अनुयोग गुजराती अनुवाद 44. नन्दीहारिभद्रीय वृत्ति 45. नन्दीसूत्र हिन्दी विवेचन 46. अनुयोगद्वार हिन्दी अनुवाद 47. नन्दीहारिभद्रीय वृत्ति 48. देववंदनमाला (चैत्यवंदन-मनःपर्यवज्ञान का) 49. नन्दीसूत्र हिन्दी विवेचन 50. अनुयोगद्वार गुजराती अनुवाद 51. नन्दीहारिभद्रीय वृत्ति 52. विशेषावश्यक भाष्य 53. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय वृत्ति 54. तत्त्वार्थ सूत्र 55. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय वृत्ति 56. नन्दि हारिभद्रीय वृत्ति 57. तर्कभाषा 58. तत्त्वार्थ सूत्र 59. कर्म ग्रंथ 60. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय टीका 61. कर्मग्रंथ 62. योगशास्त्र 63. नन्दी हारिभद्रीयवृत्ति 64. विशेषावश्यक भाष्य गा. 4/2 पृ. 71 पृ. 16, 17 . کہ وہ مہ د یہ गा. 78 से 84 पृ. 62, 63 सू. 1/4 . पृ. 65 से 67 पृ. 38 से 62 अ. 1/15, 16 गा. 1/4,5 पृ. 72 से 75 गा. 1/6 श्लो. 1/16 पृ. 75 गा. 549-50 [ आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIII VA तृतीय अध्याय | 2380