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________________ भूमिका संकल्प के धनी आचार्य हरिभद्रसूरि : देवाधिदेव श्रमण भगवान महावीर परमात्मा ने अपूर्व साधना पश्चात् केवलज्ञान की दिव्य ज्योति प्राप्त की तथा देवों द्वारा रचित समवसरण में विराजमान होकर चतुर्विध संघ की स्थापना की। जिसमें ग्यारह व्यक्तिओं को दीक्षा देकर गणधर पद से विभूषित किया / महावीर परमात्मा के निर्वाण होने के बाद सुधर्मास्वामी की पाट परम्परा चली, जिसमें अनेक प्रज्ञावान् आचारशील महर्षि हुए, जिन्होंने मुमुक्षु आत्माओं को सदुपदेश देकर मोक्षमार्ग की यात्रा अखण्ड एवं अविच्छिन्न रखी / इसी पुनीत परम्परा में बहुश्रुत चतुरस्त्र प्रतिभा संपन्न महर्षि प्रादूर्भुत हुए जिनका नाम था आचार्य हरिभद्रसूरि। आचार्य हरिभद्रसूरि महाराज का जीवन परिचय : इतिहास इस तथ्य का साक्षी हैं कि जैन तथा जैनेतर दोनों ही परम्पराओं में उच्चकोटि के उद्भट विद्वान हुए है। उनके वैचारिक मंथन से तत्त्वविद्या का वाङ्मय सदैव परिष्कृत और विकसित रहा हैं / पुरोहित हरिभद्र अपने समय के जैनेतर विद्वानों में अग्रगण्य ब्राह्मण पण्डित थे। ___ मेवाड़ मेदिनी का मुकुटमणि उस समय चित्रकूट था। उसी के अंचल में पियंगुवइ नाम की ब्रह्मपुरी के निवासी पिता शंकरभट्ट व गंगामाता के ये सुपुत्र थे। उनके जीवन में महापरिवर्तन योग विद्या की सुरुचि ने करवाया और श्रमण संस्कृति से सहसा संयोजित होने का सुअवसर समुपस्थित हो गया। वे प्रतिज्ञाबद्ध प्राज्ञ पुरुष थे। उन्होंने अपने जीवन में यह एक संकल्प सुघटित किया था, कि अगर मैं अज्ञात तत्त्व का श्रवण कर ज्ञातवान् नहीं बना तो स्वयं चलकर सश्रद्ध बनकर उनके चरणों में पूर्ण समर्पित होकर उस तत्त्व को अपनी मानस मेधा से समझकर हृदयग्राही बनाऊंगा। . एक दिन राजपालकी में बैठकर हरिभद्र राजद्वार की ओर प्रस्थान कर रहे थे / उस समय उपाश्रय में स्थित श्रमणीवर्या याकिनी महत्तरा अध्ययन में तल्लीन इस गाथा को कंठस्थ कर रही थी। चक्किदुगं हरिपणगं पणगं चक्कीण केसवो चक्की। केसव चक्की केसव दु चक्की केसी य चक्की य॥ इस गाथा को सुनते ही वे स्तब्ध हो गये। स्वयं स्वात्म वैदुष्य में डूब गये, परन्तु गाथा के रहस्य को
SR No.004434
Book TitleHaribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekantlatashreeji
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trsut
Publication Year2008
Total Pages552
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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