________________ श्लो. 525 पृ. 59 श्लो. 16/13 श्लोक 32 श्लोक 138 64. योगबिन्दु 65. योगशतक श्लोक 89 की टीका में 66. षोडशक प्रकरणम् 67. लोकतत्त्व निर्णय 68. योगदृष्टि समुच्चय 69. सम्यक्त्व सप्ततिका की टीका 70. शास्त्रवार्ता समुच्चय प्रथम स्तबक 71. वही 72. योगदृष्टि समुच्चय 73. वही 74. योगशतक 75. वही 76. वही 77. योगदुष्टि समुच्चय 78. वही 79. श्री हरिभद्रसूरिरचित अष्टक प्रकरणम् 80. योगबिन्दु 81. वही 82. सर्वज्ञ सिद्धि 83. धूर्ताख्यान 84. सरल सविधि पंच प्रतिक्रमणविधि 85. योगदृष्टि समुच्चय 86. योगबिन्दु 87. योगदृष्टि समुच्चय 88. योगबिन्दु 89. योगदृष्टि समुच्चय 90. योगबिन्दु 91. योगदृष्टि समुच्चय 92. शास्त्रवार्ता समुच्चय प्रथम स्तबक 93. वही 94. धर्मसंग्रहणी प्रथम भाग 95. योगशास्त्र (राज-राजेन्द्र स्वाध्याय भाग-४) 96. धर्मसंग्रहणी द्वितीय भाग श्लोक 70 श्लोक 76 श्लोक१४४ श्लोक 100 गाथा 86 गाथा 87 गाथा 88 श्लोक 101 श्लोक 145 श्लोक 17/8 श्लोक 101 श्लोक 300 श्लोक 5 गाथा 8 पृ. 82 श्लोक 207 श्लो. 31 श्लो. 108 श्लो. 302 श्लो. 130 श्लो. 494 श्लो. 176 श्लो. 87 श्लो. 237 गा. 20 2/11 पृ. 42 गा.८२० | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रथम अध्याय | 79