________________ गा. 822 गा. 545 श्लो. 79 पृ. 6 Pg. VII श्लो. 2 पृ. 9 पृ. 10 पृ. 12 पृ. 20 पृ. 101 8/11 पृ. 78 2/38 पृ. 44 . 97. वही 98. वही 99. षड्दर्शन समुच्चय 100. अनेकान्तजयपताका 101. समदर्शी आचार्य हरिभद्र 102. Nyayapravesh In Introduction-Note 103. न्यायप्रवेशवृत्ति 104. ललित विस्तरावृत्ति 105. वही 106. वही 107. वही 108. वीतरागस्तोत्र (राज-राजेन्द्र स्वाध्याय भाग-२) 109. योगशास्त्र (राज-राजेन्द्र स्वाध्याय भाग-४) 110. सर्वज्ञ सिद्धि 111. योगविंशिका 112. योगदृष्टि समुच्चय 113. योगबिन्दु 114. वही 115. वही 116. लोकतत्त्व निर्णय 117. वही 118. वही 119. वही 120. नन्दीसूत्र 121. नन्दीसूत्रवृत्ति 122. स्नातस्यास्तुति (राज-राजेन्द्र स्वाध्याय प्रथम भाग) 123. अनेकान्तवाद प्रवेश 124. लोकतत्त्व निर्णय श्लो. 14 . श्लो. 17 श्लो. 39 श्लो. 40 श्लो. 37 श्लो. 33 , श्लो. 37 श्लो. 92 श्लो. 147 गा. 2 . श्लो. 3 पृ. 48 पृ. सं. 2 श्लो. 1/38 आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व III III प्रथम अध्याय 80