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________________ ६८वें द्वार में जंघाचरण और विद्याचारण लब्धि अर्थात् आकाश गमन सम्बंधी विशिष्ट शक्तियों की चर्चा की गई है। ६१वें द्वार में परिहारविशुद्धितप के स्वरूप का और ७०वें द्वार में यथालंदिक के स्वरूप का विवेचन किया गया है। ७१वें द्वार में अड़तालीस निर्यामकों और उनके कार्य विभाजन की चर्चा है। निर्यामक समाधिमरण ग्रहण किए हुए मुनि की परिचर्या करने वाले मुनियों को कहा जाता ७२वें द्वार में पंच महाव्रतों की पच्चीस भावनाओं की विवेचना की गई है। इसी क्रम में ७३वां द्वार आसुरी आदि पच्चीस अशुभ भावनाओं का विवेचन करता है। ____७४वें द्वार में विभिन्न तीर्थंकरों के काल में महाव्रतों की संख्या कितनी होती है, इसका निर्देश किया गया है। __ ७५वें द्वार में चौदह कृतिकर्मों की चर्चा है। कृतिकर्म का तात्पर्य आचार्य आदि ज्येष्ठ मुनियों के वंदन से है। ... ७६वें द्वार में भरत, ऐरवत आदि क्षेत्रों में कितने चारित्र होते हैं, उसकी चर्चा करता है। प्रथम और अंतिम तीर्थंकर के समय में भरत और ऐरवत क्षेत्र में सामायिक आदि पांच चारित्र पाए जाते हैं किंतु शेष बावीस तीर्थंकरों के समय में इन क्षेत्रों में सामायिक, सूक्ष्म सम्पराय और यथाख्यात ये तीन चारित्र उपलब्ध होते हैं। महाविदेह क्षेत्र में भी पूर्वोक्त तीन चारित्र ही होते हैं। इन क्षेत्रों में छेदोपस्थापनीय और परिहारविशुद्धि चारित्र का कदाचित् अभाव होता है। __७७वें और ७८वें द्वार में यह बताया गया है कि दस स्थितिकल्पों में मध्यवर्तीबावीस तीर्थंकरों के समय में चार स्थित, छ: वैकल्पिक कल्प होते हैं, जबकि प्रथम और अंतिम तीर्थंकर के समय में दस ही स्थित कल्प होते हैं। ७९वें द्वार में निम्न पांच प्रकार के चैत्यों का उल्लेख हुआ है- (1) भक्ति चैत्य, (2) मंगल चैत्य, (3) निश्राकृत चैत्य, (4) अनिश्राकृत चैत्य और (5) शाश्वत चैत्य। ८०वें द्वार में निम्न पांच प्रकार की पुस्तकों का उल्लेख हुआ है- (1) गण्डिका, (2) कच्छपी, (3) मुष्टि, (4) संपुष्ट फलक और (5) छेदपाटी। इसी क्रम में ८१वें द्वार में पांच प्रकार के दण्डों का, ८२वें द्वार में पांच प्रकार के तृणों का, ८३वें द्वार में पांच
SR No.004428
Book TitlePrakrit evam Sanskrit Jain Granth Bhumikao ke Aalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2015
Total Pages212
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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