________________ 27. 21. वही . . 22. (अ) उत्तराध्ययन 28.8 (ब) जैनतत्वप्रकाश पृ. 348 23. शिव पुराण (3) पृ. 385-388 श्लो. 1-4, 11-14, 22-24 24. डॉ हरीन्द्रभूषण जैन "जैन अंगशास्त्र के अनुसार मानव व्यक्तित्व का विकास” पृ. 96 25. सर्वार्थसिद्धि पृ. 61 21. भगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्ति) ___ अभयदेववृत्ति 6.7.246 . डॉ. तेजसिंह गौड़ -'जैनधर्म का संक्षिप्त इतिहास' पृ. 1 28. विष्णु पुराण 1.2.27 29. बलदेव उपाध्याय -'पुराण विमर्श' पृ. 290 30. विष्णुपुराण 2.4.13-14 31. मधुकर मुनि -'जैन तत्वदर्शन', पृ. 14 32. () स्थानांग 442 (अभयदेववृत्ति) .. (ब) तत्वार्थसूत्र 25, 26, 27 33. सद्दो बंधो सुहमो, थूलो संठाणभेदतमच्छाया उज्जोदादवसहिया, पुग्गलदव्वस्स पज्जाया // -द्रव्यसंग्रह 16 34. भगवती सूत्र 14.4 . 35. पी. सी. बैन “हरिवंश पुराण का सांस्कृतिक अध्ययन", पृ. 145 36. जैनतत्वप्रकाश पृ. 45 . . . 37. डॉ. धर्मेन्द्रनाथ शास्त्री -'मार्कण्डेय पुराण', पृ. 24 . 38: आत्मतत्व नामक अध्याय में द्रष्टव्य . .. 000 65 / पुराणों में जैन धर्म