________________ 67. सन 68. 57. ब्राण्डपुराण के अन्तर्गत पुराण माहात्म्य 58. “मी शुद्र —पुराणानि कृतानि च -देवीभागवत पुराण 59. “वैष्णवं नारदीय च तथा शुभानि वै" -पद्मपुराण उत्तरखंड 163.81-82 60. “ब्रह्माण्ड राजसानि निबोधत* वही, -उत्तरखंड 163.83 61. “मात्स्यं कौम तथा बामसानि निबोधत" -वही, उत्तरखंड 163.84 62. “सात्विकेषु पुराणेषु निगद्यते' . -मत्स्यपुराण 53.67-68 63. "कल्याण का संस्कृति अंक 1950 पृ. 552-553 पर डॉ. पुलासकरण का एतद्विषयक लेख 64. वही 65. सं पं. थानेशचन्द्र अति -'विष्णुपुराण' प्रथम भाग भूमिका से 66. धर्मेन्द्रनाथ शास्त्री -'मार्कण्डेयपुराण' भूमिका अ-विष्णुपुराण 3.6.24 +-मार्कण्डेयपुराण 134.13 स-अग्निपुराण 1.14 द-भविष्यपुराण 2.5 4-ब्रह्मवैवर्तपुराण 133.6 -वाराह 2.4 ल-स्कन्द प्रभास खंड 2.84 4-कूर्म, पूर्वार्द्ध 1.20 म-मत्स्यपुराण 53.64 -गरूड, आचारकाण्ड 2.28 फ-ब्रह्माण्ड प्रक्रियापाद 1.38 –शिव वायवीयसं. 1.41 श्रीमद् भागवत, सृष्टि प्रकरण . . 69. सांख्बसूत्र प्रथमाध्याय, ११वां सूत्र 70. "प्रकृतेर्महॉस्ततोऽहंकारवस्माद् गणश्च षोडशक: तस्मादपि षोडशकात्, पंचभ्य: पंचभूतानि* -सांध्यकारिका विष्णु पुराण, अ 1. श्लो. 3 72. “गुण व्यक्तिकरा_च सुखमानिनः नमसोऽनुसृतं_कालमायांशयोगत" -श्रीमद् भागवत 3.5 73. “वतोऽभिध्यायतस्तस्य बजिरे मनसा प्रजा: _____वसिष्ठं चैव मानसान् -विष्णु पुराण अ३ 74. “भगवद् ध्यानपूर्वेन मनसा ऽन्यास्त _वासुदेवपरायणाः" -श्रीमद् भागवत 75. “मनसा साधु पश्यति, मनसा प्रजा असृजन्त" 76. “राजां ब्रह्मप्रसूनतानां वंशकालिकोऽन्वयः" -श्रीमद् भागवत, 12 स्कन्ध 77. “मन्वन्तर मनुर्देवा मनुपुत्रा सुरेश्वर क्रायोऽशावताराश्च हरेः पद्विधमुच्यते' 78. विष्णु पुराण, प्रथमांश, सप्तम अध्याय 79. वही, छठा अंश, तृतीय अध्याय 80. भागवत पुराण 2.10.6 ब्रह्मवैवर्त पुराण ब. खं. 8.8.9 “सर्गश्चाथ विसर्गश्च वृत्ती रक्षान्तराणि च वंशो वंशानुचरित संस्था हेतु-रपात्रयः -भागवत पुराण 12.7.9 पुराण परिचय / 52 -वही