________________ 75. डॉ. चमनलाल गौतम-“कालिका पुराण” (1) पृ. 204, श्लो. 10 76. वामन पुराण (1) पृ. 12-13 प्रस्तावना 77. वही, पृ. 404 38. वही, पृ. 405 79. विष्णु पुराण 6. उ. 21-24 80. स्कन्द पुराण (1) पृ. 168, 12.72-73 81. गरुड़ पुराण (1) 355, 65.2 82. मार्कण्डेय पुराण 36.9 83. “अप्पा हु खलु दुइमो”. 84. “अप्पणामेव अप्पाणं जइत्ता सुइमेहए” 85. “सव्वं अप्पे जिए जिय” 86. समयसार 15-18 87. “जे आया से विनाया, जे विनाया से आया जेण वियाणई से आया तं पडुच्च पडिसंखाए” र 000 85 / पुराणों में जैन धर्म