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________________ है और जो दुःख का कारण है वही अधर्म है, पाप है। आदरणीय गोयनकाजी ने बहुत ही - सुंदर बात कही है - सुख-दुःख दोनों एक से, मान और अपमान। चित्त विचलित होए नहीं, तो सच्चा कल्याण // जीवन में आते रहें, पतझड़ और बसंत। मन की समता न छूटे, तो सुख-शांति अनन्त / विषम जगत् में चित्त की, समता रहे अटूट। तो उत्तम मंगल जगे, होय दुःखों में छूट // समता स्वभाव है और ममता विभाव है। ममता छूटेगी तो समता अपने आप आ जाएगी। स्वभाव बाहरी नहीं है, अतः उसे लाना भी नहीं है, मात्र विभाव को छोड़ना है। रोग या बीमारी हटेगी तो स्वस्थता तो आएगी ही। इसलिए प्रयत्न बीमारी को हटाने के लिए करना है। जिस प्रकार बीमारी बनी रहे और आप पुष्टिकारक पथ्य लेते रहे तो वह लाभकारी नहीं होता है, उसी प्रकार जब तक मोह और ममता बनी रहेगी, समता जीवन में प्रकट नहीं होगी। जब मोह और ममता के बादल छटेंगे तो समता का सूर्य स्वतः ही प्रकट हो जाएगा। जब मोह और ममता की चट्टानें टूटेंगी तो समता के शीतल जल का झरना स्वतः ही प्रकट होगा। जिसमें स्नान करके युग-युग का ताप शीतल हो जाएगा। मानव धर्म ___धर्म क्या है? इस प्रश्न पर अभी तक हमने इस दृष्टिकोण से विचार किया था कि एक चेतन सत्ता के रूप में हमारा धर्म क्या है? अब हम इस दृष्टि से विचार करेंगे कि मनुष्य के रूप में हमारा धर्म क्या है? दूसरे प्राणियों से मनुष्य को जिन मनोवैज्ञानिक आधारों से अलग कर सकते हैं, वे हैं- आत्मचेतनता, विवेकशीलता और आत्मसंयम मनुष्य के अलावा दूसरे प्राणियों में इन गुणों का अभाव देखा जाता है। मनुष्य न केवल चेतन है, अपितु आत्मचेतन है। उसकी विशेषता यह है कि उसे अपने ज्ञान की, अपनी अनुभूति की अथवा अपने भावावेशों की भी चेतना होती है। मनुष्य जब क्रोध या काम की भाव-दशा में होता है तब भी यह जानता है कि मुझे क्रोध हो रहा है या काम सता रहा है। पशु को क्रोध होता है किंतु वह यह नहीं जानता कि मैं क्रोध में हूं। उसका व्यवहार काम से प्रेरित होता है किंतु वह यह नहीं जानता है कि काम मेरे व्यवहार की प्रेरित कर रहा है। आधुनिक मनोविज्ञान की दृष्टि से पशु का व्यवहार मात्र मूलप्रवृत्यात्मक (154)
SR No.004424
Book TitleBharatiya Sanskruti ke Multattva Sambandhit Aalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2015
Total Pages216
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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