________________ 3. आयारजीदकप्पगुणदीवणा अप्पसोधि णिज्झंझा। अजव-मद्दव-लाघव-वुट्टी पल्हादणं च गुणा // 387 // -मूलाचार आराहणणिज्जुत्ती मरणविभत्ती य संगहत्थुदिओ। पच्चक्खाणावासय धम्मकहाओ य एरसिओ // 279 // -मूलाचार बावीसं तित्थयरा सामाइयसंजमं उवदिसंति। छेओवट्ठावणियं पुण भयवं उसहो उसहो य वीरो या 7-36 सपडिक्कमणो धम्मो पुरिमस्स य पच्छिमस्स जिणस्स। अवराहपडिक्कमणं मज्झिमयाणं जिणवराणं // 628 // -मूलाचार देखिए- पं. सुखलाल संघवी 'पंचप्रतिक्रमण सूत्र' भूमिका। 8. आवासयणिजुत्ती वोच्छामि जहाकमं समासेण।' सामाइयणिज्जुत्ती एसा कहिया मए समासेण।' 'चउवीसथयमिजुत्ती एसा कहिया मए समासेण' आदि। 9. आवसयणिजुत्ती एवं कधिदा समासओ विहिणा। 10. एसो अजाणंपि अ समाचारो जहाक्खिओ पुव्वं। सव्वम्हि अहोरत्ते विभासिदव्वो जधाजोग्गं // 187 // 11. देखिए- कुन्दकुन्द अमृतसंग्रह गा. 24-27, पृ.सं.१३५ : संपा. पं. कैलाशचंद्र शास्त्री, 12. एवं विधाणचरियं चरंति जे साधवो य अजाओ। जगपुजं ते कित्तिं सुहं च लभ्रूण सिझंति // 96 // -मूलाचार 13. आराहणा निजुत्ति मरणविभत्तीयं संगहथुदिओ। पच्चखाणावासय धम्मकहाओ य एरिसओ // 279 // -मूलाचार 14. . आयार जीदकप्प गुण दीवणा ... // 387 // -मूलाचार