________________ जैन धर्म एवं दर्शन-333 जैन ज्ञानमीमांसा-41 का एक अति व्यापक अर्थ लिया गया है। सामान्यतया, 'अक्ष' शब्द का अर्थ आँख या चक्षु-इन्द्रिय होता है, किन्तु भारतीय-दर्शन की अन्य परम्पराओं में भी इसका क्वचित् व्यापक अर्थ करते हुए इसे सभी इन्द्रियों का वाचक माना गया है। जैन-परम्परा में 'अक्ष' शब्द की व्युतपत्ति अ + क्ष से करते हुए यह भी कहा गया है कि जिसका कभी नाश या क्षय नहीं होता, वह अक्ष अर्थात् आत्मा है और ऐसा अक्षय तत्त्व आत्मा है, अतः आत्मा के द्वारा जो ज्ञान प्राप्त होता है, वही प्रत्यक्ष है, किन्तु यह अर्थ मूलतः आत्मिक-प्रत्यक्ष अर्थात् अवधिज्ञान, मनःपर्यवज्ञान और केवलज्ञान के सन्दर्भ में ही लागू होता है। तत्त्वार्थसूत्र में प्रत्यक्ष को परिभाषित करते हुए कहा गया है- "तदिन्द्रियानिन्द्रियनिमित्तम्", किन्तु यह परिभाषा मतिज्ञान के अन्तर्गत होने वाले ऐन्द्रिक एवं सांव्यावहारिक-प्रत्यक्ष, जो मतिज्ञान का ही एक प्रकार है, उस पर ही लागू होती है। तत्त्वार्थसूत्र के अनुसार, सांव्यावहारिक-प्रत्यक्ष इन्द्रिय और मन के निमित्त से होता है और इसका विषय पदार्थ या मानसिक-संप्रत्यय होते हैं। यहाँ 'अर्थ' शब्द पदार्थ (वस्तु) एवं उसका मानसिक-संप्रत्यय (Meaning) - दोनों से है, अतः उसका विषय बाह्यार्थ और मानसिक अवधारणाएं - दोनों ही हैं, जिन्हें तत्त्वार्थसत्र में मति, स्मृति, संज्ञा, चिन्ता, अभिनिबोध (मतिः, स्मृतिः, संज्ञा, चिन्ता ऽभिनिबोध इत्यनान्तर - तत्त्वार्थ - 1/13) आदि के रूप में अभिव्यक्त किया गया है, किन्तु जब प्रत्यक्ष में इन्द्रियानुभूति के अतिरिक्त मानसिक-संप्रत्यय भी जुड़ जाते हैं, तो सां व्यावहारिक–प्रत्यक्ष को केवल ऐन्द्रिक-संवेदनों से उत्पन्न प्रत्यक्ष ज्ञान नहीं माना जा सकता है, वह इन्द्रियानुभूति के रूप में प्रत्यक्ष और मानसिक- संप्रत्ययों के रूप में परोक्ष होता है, यही कारण है कि जैनाचार्यों ने उसे विशुद्ध-प्रत्यक्ष नहीं कहा, इसीलिए परवर्ती काल में जैन-आचार्यों ने प्रत्यक्ष की परिभाषा को अधिक व्यापक बनाया। प्रमाणनयतत्त्वालोक में ‘स्पष्टं प्रत्यक्षम' (2/2) कहकर स्पष्ट ज्ञान को ही प्रत्यक्ष माना था। यही कारण है कि कालान्तर में प्रमाणमीमांसा में आचार्य हेमचन्द्र ने भी 'विशदः प्रत्यक्षम्' कहकर इसे स्पष्ट किया था और विशद-पद की व्याख्या करते हुए कहा गया"प्रमाणान्तरान पेक्षेदन्तपा प्रतिभासो वा वैशद्यम्", अर्थात् जिसको किसी