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________________ जैन धर्म एवं दर्शन-618 जैन- आचार मीमांसा-150 अशुभनामकर्म का विपाक- 1. अप्रभावक वाणी (अनिष्ट-शब्द), 2. असुन्दर शरीर (अनिष्ट-स्पर्श), 3. शारीरिक-मलों का दुर्गन्धयुक्त होना (अनिष्ट-गंध), 4. जैवीयरसों की असमूचित्ता (अनिष्ट रस), 5. अप्रिय स्पर्श, 6. अनिष्ट गति, 7. अंगों का समुचित स्थान पर न होना (अनिष्ट स्थिति), 8. सौन्दर्य का अभाव, 9. अपयश, 10. पुरुषार्थ करने की शक्ति का अभाव, 11. हीन स्वर, 12. दीन स्वर, 13. अप्रिय स्वर और 14. अकान्त स्वर 7. गोत्र-कर्म जिसके कारण व्यक्ति प्रतिष्ठित और अप्रतिष्ठित कुलों में जन्म लेता है, वह गोत्र-कर्म है। यह दो प्रकार का माना गया है- 1. उच्च गोत्र (प्रतिष्ठित कुल) और 2. नीच गोत्र (अप्रतिष्ठित कुल)। किस प्रकार के आचरण के कारण प्राणी का अप्रतिष्ठित कुल में जन्म होता है और किस प्रकार के आचरण से प्राणी का प्रतिष्ठित कुल में जन्म होता है- इस पर जैनाचार- दर्शन में विचार गया है। अहंकार बृत्ति ही इसका प्रमुख कारण मानी गई है। उच्च-गोत्र एवं नीच-गोत्र के कर्म-बन्ध के कारण- निम्न आठ बातों का अहंकार न करने वाला व्यक्ति भविष्य में प्रतिष्ठित कुल में जन्म लेता है- 1. जाति, 2. कुल, 3. बल (शारीरिक-शक्ति), 4. रूप (सौन्दर्य), 5. तपस्या (साधना), 6. ज्ञान (श्रुत), 7 लाभ (उपलब्धियाँ) और 8. स्वामित्व (अधिकार)। इनके विपरीत, जो व्यक्ति उपर्युक्त आठ प्रकार का अहंकार करता है, वह नीच कुल में जन्म लेता है। कर्मग्रन्थ के अनुसार भी अहंकार रहित गुणग्राही दृष्टि वाला, अध्ययन-अध्यापन में रुचि रखने वाला तथा भक्त उच्च-गोत्र को प्राप्त करता है। इसके विपरीत आचरण करने वाला नीच-गोत्र को प्राप्त करता है। तत्त्वार्थसूत्र के अनुसार; पर-निन्दा, आत्मप्रशंसा, दूसरों के सदगुणों का आच्छादन और असद्गुणों का प्रकाशन- ये नीच गोत्र के बन्ध के हेतु हैं। इसके विपरीत; पर-प्रशंसा, आत्म-निन्दा, सदगुणों का प्रकाशन, असदगुणों का गोपन और नम्रवृत्ति एवं निरभिमानता- ये उच्च-गोत्र के बन्ध के हेतु हैं। . गोत्र-कर्म का विपाक- विपाक (फल) दृष्टि से विचार करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि जो व्यक्ति अहंकार नहीं करता, वह प्रतिष्ठित कुल .
SR No.004418
Book TitleJain Aachar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2015
Total Pages288
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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