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________________ आगम निबंधमाला मांस मद्य के संबंधी विधायक पाठ है / आचार्य आदि अनेक गीतार्थ श्रमणो ने सम्मेलनो में भी यह निर्णय लिया है कि- आचारांग सत्र, भगवती सूत्र, सूर्यप्रज्ञप्ति आदि सूत्र में जिनवाणी विपरीत पाठ है। जो गणधर रचित नहीं है। वैसे मांस मद्य के पाठ प्ररूपणा करने योग्य नहीं है / - तात्पर्य यह हुआ कि ये पाठ गणधर रचित जिनवाणी नहीं है, तो प्रक्षिप्त ही है, ऐसा सीधा ही कहना चाहिये / प्रक्षिप्त है ऐसा जानकर, मानकर भी उन पाठों को शास्त्र में रखना और फिर वनस्पति परक अर्थ भी करना या अर्थ ही नहीं करना, यह सुविचारकता नहीं हो सकती / वास्तव में जैन शास्त्रों में साधु के लिये मांस मद्य का विधान हो ही नहीं सकता क्यों कि इन्हें नरक का कारण स्पष्ट कहा है / तो फिर साधु जीवन के गोचरी से इनका संबंध किंचित् भी नहीं हो सकता तथा मांसभक्षण की प्ररूपणा प्रेरणाजनक सूर्यप्रज्ञप्ति का पाठ तो अत्यंत ही निकृष्ट दरज्जे का है / ये सभी पाठ संशोधन की आवश्यकता वाले हैं / क्यों कि इन्हें जिनवाणी नहीं माना जाता है। फिर भी ज्यों का त्यों मूल पाठ रखा जाता है, वह आगम संपादन की कर्तव्यनिष्ठता नहीं कही जा सकती / अत: सार यह समझना है कि मद्यमांस का आहार श्रावकों के भी योग्य नहीं है / साधु ऐसे आहार खाने वालों के घरों में गोचरी भी नहीं जा सकता है क्यों कि वे निन्दित कुल गिने जाते हैं / अत: ऐसे अशुद्ध आहार संबंधी शास्त्र के पाठ मध्यकाल में आई विकृतियों के कारण से है / उनका सही संशोधन संपादन किया जाना आवश्यक है। कथा वर्णन में, साधु या श्रावक के अतिरिक्त व्यक्तियों के वर्णन में, ऐसे पाठ हो तो समझदारों के लिये चर्चा के विषय नहीं बनते हैं / जैसे कि ज्ञाता सूत्र की कथाएँ या दु:खविपाक सूत्र की प्रत्येक कथाए / कथाओं के वर्णन साधु श्रावक अवस्था से भिन्न है, उनके वर्णन से धर्म के सिद्धांतो पर चोट नहीं होती है। वे तो सांसारिक रुचि वाले जीवों के प्रासंगिक घटना वर्णन होते हैं / किंतु आचारांग, निशीथ सूत्र के विधान सूचक पाठ सीधे साध्वाचार से संबंध रखते हैं, भगवती सूत्र का पाठ सीधा केवली तीर्थंकर प्रभु महावीर स्वामी से संबंध रखता है और सूर्य
SR No.004414
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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