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________________ आगम निबंधमाला मिली है / परिचय वृत्तमाथी बे बात वाचतां आश्चर्य थयु। निवृत्ति संलेखना तारीख अने संथारा तारीख / आ तारीख नक्की करवा पाछलनु रहस्य शु? ते जणाववामां वांधो न होय तो जिज्ञासा पूर्ण करशो जी। समाधान :- पू. मुनिराज श्री मुक्तिश्रमणविजय, सादर वंदन! ___ मुझे 28 वर्ष की वय से पता है कि मेरी उम्र 70 वर्ष से उपर उच्चतम 78 वर्ष है न्यून्तम 72 वर्ष है / मेरे जीवन में एकल विहार ही फिक्स है / अत: आगम कल्प्य न्यूनतम 40 वर्ष की उम्र एवं 19 वर्ष की दीक्षा पर्याय से अकेला रहना प्रारंभ किया था ।अभी भी अकेला किराये के मकान में रहता हूँ अपना कार्य कपडे धोना, खाने की व्यवस्था, मकान सफाई आदि स्वयं करता हूँ। मेरी कुंडली में, गणित 72 वर्ष के आगे नहीं चलती है, ऐसा लिखा है। .. आचार्य पद्मसागरजी म.सा. के ज्योतिष में प्रकांड एक संत ने मुझे आज से 28 वर्ष पहले 5 मिनिट के मुलाकात में कहा था कि 70 वर्ष के आसपास आपकी एक्सीडेन्टली मृत्यु होगी अर्थात् मृत्यु के समय ज्यादा सेवा किसी की नहीं लेनी पडेगी। और अकलविहार ही आपके लिए जीवनभर प्रशस्त रहेगा।' ___आगम कार्य पूर्ण करने के बीच में ही मैं किसी तांत्रिक प्रयोग में फँसकर अशाता कर्म का भुगतान दो वर्ष में कर चुका हूँ / अब मैं स्वस्थ, पेट की वेदना से रहित, हिम्मतयुक्त, अंतर चेतना से जागृत बना / ६८वाँ वर्ष प्रारंभ हो गया तब से संलेखना संथारा का अनुप्रेक्षण अपने श्रुत ज्ञान से करके इधर-उधर बात रखने लगा। कईयों को अच्छा लगा। एक दो निकट के श्रध्धालु को पसंद नहीं आया / समझाने पर भी उनका प्रतिपक्ष कथन चालू रहा। फिर मैं विचार करके एक दिन यहीं राजकोट में 25-30 वर्ष से ज्योतिष कार्यालय चलाने वाले के पास पहुँच गया। उसे मैने अपना परिचय देकर कहा कि मैं परीक्षार्थी तरीके आया हूँ। मुझे आयुष्य देखने का अच्छा अनुभव है ऐसा कहकर उसका हाथ मांगा और देखकर कहा आपकी उम्र 84 वर्ष आसपास है, वह खुश हो गया / अब आप 250
SR No.004414
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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