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________________ आगम निबंधमाला शेष शरीर की अपेक्षा अशरीरी आकर उत्पन्न होता है / (5) जन्म के बाद गर्भ में रहा हुआ जीव माता के किये हुए, परिणमाये हुए आहार में से कुछ अंश 'ओज' रूप आहार ग्रहण करता है / (6) गर्भगत जीव के कवलाहार नहीं होता है। (7) गर्भगत जीव के और माता के दोनों के एक-एक रसहरणी नाडी होती है / (8) पुत्र की नाडी माता को स्पर्शित होती है और माता की नाडी पुत्र को स्पर्शित होती है / माता की नाडी से पुत्र आहार प्राप्त करता है और स्वयं की नाडी से आहार का चय उपचय होता है / (9) मानव शरीर में तीन अंग मातृअंग और तीन पितृअंग प्राधान्यता से कहे गये हैं / स्थानांग में भी कहा है, देखें प्रश्नोत्तरी भाग-२, पृष्ट-७८ / समय-समय क्षीण होते वे अंग जीवन भर रहते हैं अर्थात् उस अंग में माता-पिता का जीवन अंश आयुष्य पर्यंत रहता है / (10) गर्भगत जीव अशुभ विचारों से, युद्ध के विचारों से और वैक्रिय लब्धि से युद्ध करते हुए मरकर नरक में भी जा सकता है तथा शुभ विचारों से धर्मभावों से देवगति में उत्पन्न हो सकता है / (11) गर्भ में रहा हुआ. जीव चित्ता, पसवाडे, अंतकुब्ज आसन से भी रहता है माता के सोने पर सोता है, बैठने, खडे रहने पर गर्भगत बालक भी वैसे रहता है / माता के सुखी दुखी होने पर वह सुखी दुखी भी होता है। (12) गर्भगत बालक प्रसूति के समय मस्तक से या पाँव से आता है तो सुखपूर्वक बाहर आता है, आडा- टेढा आता है तो कष्टपूर्वक बाहर आता है या मर जाता है / (13) अशुभ कर्म लेकर आनेवाला काला, कलूटा, बेडौल, अप्रिय, अमनोज्ञ, हीन स्वर, दीन स्वर आदि अनोदयवचन वाला होता है / शुभ कर्म संग्रह करके लाने वाला इससे विपरीत गौरवर्ण आदि यावत् आदेय वचन वाला होता है // उद्देशक-७ संपूर्ण // गर्भ संबंधी अन्य जानकारियाँ :- गर्भ संबंधी कुछ तत्त्वों का कथन प्रथम शतक प्रश्न-३१ में भी किया गया है / यहाँ विशेष कथन इस प्रकार है-(१) उदक गर्भ उत्कृष्ट 6 महीना रहता है / तिर्यंच का गर्भ(गर्भगत जीव) उत्कृष्ट आठ वर्ष और मनुष्य का गर्भ उत्कृष्ट 12 वर्ष गर्भ रूप से रह सकता है। उसके बाद गर्भगत जीव मर जाता है या बाहर आ जाता है / मरने वाला जीव पुन: उसी गर्भ L196
SR No.004414
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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