________________ आगम निबंधमाला महीने बीतने पर महापद्म तीर्थंकर का जन्म होगा और 75 वर्ष साडे आठ महीने पूर्ण होने पर निर्वाण होगा। ___ इन नौ भावी तीर्थंकरों के सिवाय भी अन्य कुछ (9) जीवों का कथन सूत्र-५३ में हैं वे सभी जीव आगामी भव में मनुष्य बनकर चातुर्याम धर्म की प्ररूपणा करके मोक्ष जायेंगे। वे इस प्रकार हैं- (1) कृष्ण वासुदेव-आगामी उत्सर्पिणी में 13 वाँ तीर्थंकर होंगे / (2) कृष्णवासुदेव के भाई बलराम 14 वां तीर्थंकर होंगे / (3) उदक पेढालपुत्रसूयगडांग सूत्र में इनका वर्णन है / (4-5) पोट्टिल और शतक- ये मध्यम तीर्थंकर बनकर चातुर्याम धर्म का निरूपण करेंगे। (6) दासकयह भी अज्ञात है / कृष्ण के पुत्र दासक मुनि तो मोक्ष गये हैं / (7) सत्यकी- यह विद्याधर राजा था। (8) अंबड- ये महाविदेह क्षेत्र में चातुर्याम धर्म का निरूपण करके मोक्ष जायेंगे, तीर्थंकर नहीं बनेंगे / अत: तीर्थंकर बनने वाले अंबंड अन्य समझना जो आगामी उत्सर्पिणी मेंतीर्थंकर बनेंगे। (९).सपार्वा आर्या- पार्श्वनाथ भगवान के शासन की साध्वी थी। यहाँ 9 की संख्या मात्र से ये 9+9=18 जीवों के भावी का कथन है / जीवन वर्णन या परिचय सभी का नहीं मिलता है / कुछ का वर्णन अन्यान्य शास्त्रों में मिलता हैं / टीकाकार के समय भी उनके जीवन वर्णन की परंपरा प्राप्त नहीं थी। शास्त्रलेखन के 600 वर्ष बाद टीकाकार हुए थे। निबंध-८४ आगम शास्त्रों के दस-दस अध्ययन 'दस की संख्या को आधार बनाकर जिनशास्त्रों में 10 अध्ययन है उन शास्त्रों का यहाँ नाम निर्देश किया गया है साथ ही उन सभी (दसों ही) शास्त्रों के अध्ययनों के नाम भी दर्शाये गये हैं / वे शास्त्र इस प्रकार है- (1) कर्मविपाक दशा- इस शब्द से दुःखविपाक सूत्र का कथन किया गया है ।सुखविपाक के अध्ययनों का कथन यहाँ कोई भी कारण से नहीं है। क्यों कि दस अध्ययन वाले दस ही शास्त्र यहाँ दस की संख्या के अनुरुप कहे गये हैं / अत: दस अध्ययन वाले अन्य दशवैकालिक, सुखविपाक सूत्र वगैरह शास्त्र भी होते ही हैं / (2-5)