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________________ आगम निबंधमाला देव को भी लग जाता है / अत: सार यह है कि 1 समय में अनेक क्रियाएँ साथ में हो सकती है किंतु जीव को एक समय में अनुभव या उपयोग एक ही क्रिया का होता है। पानी में धूप के स्थान पर खडे व्यक्ति को गर्मी-ठंडी दोनों का अनुभव स्थूल दृष्टि से एक साथ होता है, लगता है किंतु सूक्ष्म दृष्टि से आत्मउपयोग परिवर्तित होता रहता है। अनेक सूक्ष्म असंख्य समय के अंतर्मुहूर्त इकट्ठे होने पर 1 सेकंड होता है ऐसा समझ लेने पर यह सहज समझ में आ सकता है कि गर्मी के आत्म अनुभूति का (उपयोग का) अंतर्मुहूर्त अलग होता हैं और सर्दी के आत्म अनुभूति का (उपयोग का) समय अलग होता है / यथा- हम कुछ सुनने में या देखने में या बोलने में तल्लीन है तब कोई वहाँ आकर चला जावे या कुछ बोलकर रुक जावे तो हमारा ध्यान अन्य में होने से वे रूप आँखों से पसार होने पर भी, वे शब्द कान में पडते हुए भी हमें उनका कुछ भी ज्ञान नहीं होता है / वैसे ही जीव के उपयोग सूक्ष्म असंख्य समय के अंतर्मुहूर्त के एक-एक वस्तु में, क्रिया में ही रहते हैं / क्रियाएँ शरीर में, आत्मा में भले एक साथ अनेक भी चलती रहे। यथा- हम जब बोलते हैं तब लिखते भी है, देखते भी है, सुनते भी है; इन्द्रियाँ कोई बंद नहीं हो जाती है, उस समय मुंह में खाद्यपदार्थ है तो उसका रसास्वाद भी ले रहे हैं; फिर भी आत्मउपयोग कोई तरफ मुख्य, कोई तरफ गौण होता रहता है,जो सूक्ष्म अंतर्मुहूर्त प्रमाण 1-1 विषय का ही होता है / यह स्पष्ट ध्रुव सिद्धांत जिनमत का है। (6) छिपकली पूंछ टूट जाने पर छिपकली अपना जीव लेकर भाग जाती है तो भी पूंछ में हलनचलन दिखता है, वह अजीव भी नहीं है, जीव भी नही है अतः तीसरी वस्तु नोजीव नोअजीव भी है। इस तरह लोक में तीन पदार्थों की राशि है- जीवराशि, अजीवराशि और नो जीव नो अजीव राशि / यह छटे निह्नव का मत है / जैन मतानुसार राशि दो ही है-जीवराशि और अजीव राशि / अजीवराशि में जीव रहित समस्त पुद्गल और धर्मास्तिकाय आदि तत्त्व ग्रहित होते हैं / जीव राशि में शरीर युक्त संसारी और शरीर मुक्त सिद्ध सभी का समावेश है तथा छिपकली के आत्मप्रदेश, कटी हुई पूंछ में भी संलग्न ही रहते है / जब | 155 -
SR No.004414
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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