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________________ आगम निबंधमाला कंठस्थ धारण करूँ; ऐसा संकल्प कर आत्म संस्कारों को पुष्ट करे। (2) श्रुत अध्ययन पूर्ण करके आत्मसाधना की विशेष प्रगति के लिये सामुहिक सगवडों से उपर उठकर एकल विहार चर्या से; संयम, तप, समिति, गुप्ति से आत्मा को अधिकतम पुष्ट करूँ / यह मनोरथ संपूर्ण स्वावलंबी जीवन और एकत्व आत्म स्वरूप को तादात्म्य करने का है। (3) जब कभी भी इस मनुष्य जीवन में आयुष्य की अंतिम घडियों का आभास होने लगे; यह मानव शरीर, जीवन के आवश्यक कर्तव्यों में तथा संयम आचारों में उपयोगी न रहे, इन्द्रियाँ क्षीणता की तरफ प्रवाहित होने लगे; तब मैं सावधानी पूर्वक एवं पूर्ण उत्साह के साथ आलोचना-प्रतिक्रमण के द्वारा व्रत शुद्धि, कषाय विशुद्धि करते हुए संलेखना संथारा रूप आजीवन पंडितमरण को स्वेच्छा से स्वीकार करके उसका जीवन के अंतिम श्वास तक यथार्थ पालन करूँ / ये तीन संयम जीवन के उत्तमोत्तम मनोरथ हैं / इनका नित्य स्मरण करना संयम साधक का मुख्य और महान लाभप्रद कर्तव्य है, इस तरह के मनोस्थ करने से आत्मा में संस्कार दृढ बनते हैं / जिससे(१) योग्यता संपन्न साधक एक दिन अवश्य श्रुतपारंगत बनता है (2) एकाकी स्वावलंबी जीवन में सफल बनता है तथा (3) जीवन के अंतिम समय में एवं संकट की हर घडियों में शीघ्र अप्रमत्त योग से संलेखना संथारा ग्रहण करने के संयोग को सुलभ कर सकता है। यहाँ श्रमण के कथन से साध-साध्वी दोनों को ये मनोरथ आदरणीय है ऐसा समझना चाहिये / दूसरे मनोरथ में साध्वियाँ समूह त्याग रूप एकल विहार के स्थान पर एकत्व भावनामय पूर्ण स्वावलंबी जीवन बनाते हुए समूह में रहकर भी संभोग प्रत्याख्यान,सहाय प्रत्याख्यान, आदि के द्वारा एकाकीपन में आत्मा को भावित करने का मनोरथ करे, ऐसा समझ लेना चाहिये। आगमों में साध्वी के लिये विविध तप, अभिग्रह, पडिमा का वर्णन आदि इसी हेतु की सिद्धि करने वाले हैं / अंतगडसूत्र वर्णित भगवान महावीर स्वामी के शासन में साध्वियों ने अनेक तप, दत्ती परिमाण प्रतिज्ञा युक्त सप्त-सप्तमिका आदि भिक्षु प्रतिमा का आराधन किया था।अत:ये तीन मनोरथ सभी साधु-साध्वी को नित्य स्मरण करके महानिर्जरा का लाभ प्राप्त करना चाहिये। | 121
SR No.004414
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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