SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 8
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम निबंधमाला 184. 186 (53) नवनिधि का परिचय (54) चक्रवर्ती के 14 रत्नों का विशेष परिचय (55) चक्रवर्ती के खंड साधन के मुख्य केन्द्र और 13 तेले (56) भरत चक्रवर्ती को केवलज्ञान (57) उत्सर्पिणी अवसर्पिणी के 6-6 आरे (58) दूसरे आरे से संवत्सरी की कल्पना (59) मन:पर्यवज्ञान आदि विषयक समीक्षा . .. (60) द्वादशांगी परिचय के तीन सूत्रों में तुलना (61) भगवान महावीर का शरीर सौष्ठव (62) संख्यात असंख्यात अनंत की भेदयुक्त व्याख्या ... (63) पल्योपम का भेद-प्रभेद युक्त विश्लेषण सात स्वरों का ज्ञान (65) तीन प्रकार के अंगुल एवं उत्सेधांगुल का ज्ञान (66) चार निक्षेपों का रहस्य एवं व्यवहार सात नयों का स्वरूप एवं दृष्टांत श्रावक की 11 पडिमाओं का विश्लेषण . (69) चैत्य शब्द के अर्थों का ज्ञान (70) श्रावकों के जानने योग्य 25 क्रियाएँ (71) भगवान की धर्म देशना :औपपातिक सूत्र (72) तप के 12 भेदों का विस्तार (73) श्रमण के पर्यायवाची शब्द एवं अर्थ अपनी बात (68) 243 254
SR No.004413
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy