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________________ आगम निबंधमाला (28) 106 126 (26) द्रौपदी के अध्ययन से प्राप्त ज्ञेय तत्त्व (27) सुसमा दारिका के अध्ययन से प्राप्त शिक्षा ज्ञातव्य पुंडरीक कंडरीक के अध्ययन से प्राप्त शिक्षा (29) ज्ञाता सूत्र के 19 अध्ययनों का हार्द (30) ज्ञाता सूत्र श्रुत स्कंध-२ वर्णित 206 आत्माएँ (31) * काकंदी के धन्ना अणगार का तप एवं आहार (32) दुःखविपाक अध्ययनों से शिक्षा सुखविपाक के अध्ययनों से शिक्षा-ज्ञातव्य (34) अंबड संन्यासी तथा उसके 700 शिष्य (35) सूर्याभ देव का मनुष्य लोक में आगमन (36) सूर्याभ देव की भक्ति एवं ऋद्धि (37) प्रदेशी राजा का जीवन परिवर्तन (38) चितसारथी द्वारा कर्तव्य पालन (39) केशीश्रमण के साथ प्रदेशी राजा का संवाद (40) प्रदेशी राजा के जीवन वर्णन से प्राप्त शिक्षा ज्ञातव्य ज्योतिषी देवेन्द्र का पूर्वभव श्री ही लक्ष्मी बुद्धि आदि दस देवियाँ नरक तिर्यंच गति के दुख (44) चोरी करने वालों का इस भविक दु:ख .(45) . असत्य त्याग (कथा) (46) निंदा : प्रश्नोत्तर (47) . पाप-पुण्य विचारणाा (48) कर्म और पुनर्जन्म की विचारणाा (49) कर्म की अवस्थाएँ (50) तीर्थंकरों के 34 अतिशय (51) राणियों की संख्या एवं स्त्री की ६४कलाएँ (52) शरीर वर्णन : शरीर के लक्षण 32 आदि 130 140 151 (41) (42) 154 156 159 161 167 172 174 176 179 181 183
SR No.004413
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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