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________________ आगम निबंधमाला प्रश्न- केवल ज्ञान सबसे बड़ा ज्ञान है, उस ज्ञान वालों को आचार्य, उपाध्याय से पीछे अंतिम पद में बताना कैसे योग्य हो सकता है ? उत्तर- पद व्यवस्था में मुख्यरूप से ज्ञान की अपेक्षा नहीं होती है / कार्य क्षेत्र, कार्य क्षमता आदि की मुख्यता से पद व्यवस्था की जाती है। ज्ञान ज्यादा होते हुए भी किसी की शारीरिक-क्षमता, अनुशासनक्षमता, अध्यापन-क्षमता ज्यादा होवे ही, जरूरी नहीं है, और पद व्यवस्था तो जवाबदारी संभालने की अपेक्षा से और कार्यक्षमता की योग्यता की मुख्यता से ही होती है / सिद्ध भगवान आत्मगुणों में बड़े होते हुए भी संसारिक जीवों के उपकार रूप कार्य क्षेत्र में तीर्थंकर के महान होने से उन्हें भी प्रथम पद में कहा गया है, तो भी सिद्धों का अपमान नहीं है और प्रथम पद हो जाने से भी सिद्धों से अरिहंत बड़े भी नहीं कहे जा सकते / क्यों कि वे भी सिद्धों को वन्दन करते हैं। श्री जिन भद्रगणि क्षमाश्रमण ने विशेषावश्यक भाष्य में इस विषयक प्रश्न उठाकर उत्तर दिया है जिसमें उन्होंने भी तीर्थंकर को ही प्रथम पद में मान्य किया है। आचार्य, उपाध्याय अपने कार्य क्षेत्र में अपनी व्यवस्था चलाते हैं, फिर भी वे अपने से पूर्व दीक्षित पाँचवें पद वाले साधुओं को बड़ा ही मानते एवं वंदन भी करते हैं / समाज में मुखिया और पदाधिकारी अपनी अनेक योग्यताओं के कारण से बनाये जाते हैं / फिर भी वे अपने माता-पिता, बुजुर्गो व गुरुओं(अध्यापक) को अपने से बड़ा समझ कर विनय करते हैं और अपने कार्यक्षेत्र में अपनी जुम्मेदारी, कर्तव्य को अधिकार पूर्वक निभाते हैं / एक संघ में चार पाँच व्यक्ति को पद दिया जाता है तो अन्य अनेक गुणवानों का अपमान नहीं हो जाता है। उस पदाधिकारी से भी अनेक विशिष्ट ज्ञानी, तपस्वी श्रावक भी होते ही हैं जो कई तो पद लेते नहीं हैं और कई पद लेने के योग्य नहीं होते हैं / ज्ञान बढ़ जाने से पद बढ़ जाता हो ऐसा कोई नियम नहीं होता है / पद तो उस प्रकार की व्यवस्था से एवं कार्य क्षमता की योग्यता से प्राप्त होता जो कि यथासमय दिया व लिया जाता है। तीसरे पद वाले को 2 ज्ञान हो और पाँचवें पद वाले को तीसरा 54
SR No.004413
Book TitleAgam Nimbandhmala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTilokchand Jain
PublisherJainagam Navneet Prakashan Samiti
Publication Year2014
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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