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________________ 92 / आर्हती-दृष्टि रहता है / परस्पर एक-दूसरे में अनुप्रविष्ट होकर भी उनमें स्वरूप सांकर्य नहीं होता। ___ अस्तिकाय पांच हैं / जब काल इनके साथ जुड़ जाता है तब ये षड्द्रव्य कहलाने लगते हैं। आगमकालीन समय में पंचास्तिकाय की परम्परा थी। वहां पञ्चास्तिकाय को ही लोक कहकर पुकारा गया है जैसा कि भगवती में कहा गया है 'पंचत्थिकाय एस णं एवत्तिए लोएत्ति पवुच्चइ।' उत्तरकाल में षड्द्रव्य की चर्चा ने उभार ले लिया अतः पश्चाद्वी दार्शनिक परम्परा में पंचास्तिकाय एवं षड्द्रव्य का विस्तृत विवेचन उपलब्ध है। ___ धर्मास्तिकाय, अधर्मास्तिकाय का संक्षिप्त नाम धर्म एवं अधर्म है। भारतीय दर्शन में धर्म, अधर्म का प्रयोग आचार-मीमांसा के सन्दर्भ में, शभाशभ प्रवृत्ति के अर्थ में हुआ है, पर तत्त्व-मीमांसा की दृष्टि से धर्म और अधर्म का मौलिक तत्त्वों के रूप में निरूपण जैन दर्शन में ही प्राप्त होता है / षड्द्रव्यों में चार का उल्लेख तो इतर दर्शनों में भी मिलता है पर धर्म-अधर्म की स्वीकृति जैन दर्शन की मौलिक है। धर्म, अधर्म क्रमशः जीव और पुद्गल की गति और स्थिति में उदासीन सहायक द्रव्य है। पञ्चास्तिकाय में धर्मास्तिकाय को परिभाषित करते हुए कहा गया है “धम्मस्थिकायमरसं अवण्णगन्धं असद्दमफासं। लोगोगाढं पुढं पिहुलमसंखादियपदेसं // अगुरुलघुगेहिं सया तेहिं अणंतेहिं परिणदं णिच्चं / गदिकिरियाजुताणं कारणभूदं सयमकज्जं // उदयं जह मच्छाणं गमणाणुग्गहयरं हवदि लोए तह जीव पुग्गलाणं धम्मं वियाणेहि / धर्मास्तिकाय अमूर्त द्रव्य है अतः उसमें स्पर्श आदि पौद्गलिक गुण नहीं है। वह सम्पूर्ण लोक में व्याप्त असंख्य प्रदेशी द्रव्य है। गति क्रिया में संलग्न जीव और पुद्गलों की गति में उदासीन कारण है / जैसे जल मछली के गमन में उपकार करता है। गतिक्रिया के उपादान कारण जीव और पुद्गल स्वयं है। धर्म मात्र निमित्त कारण है। वह किसी को भी गति के लिए प्रेरित नहीं करता किन्तु जो भी गति करता है, उसको धर्म द्रव्य की अनिवार्य आवश्यकता होती है। शब्द भेद से विभिन्न ग्रन्थों में धर्म द्रव्य की प्रायः एक जैसी परिभाषा प्राप्त होती है / द्रव्यानुयोग तर्कणा में कहा गया
SR No.004411
Book TitleAarhati Drushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangalpragyashreeji Samni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year1998
Total Pages384
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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