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________________ आत्म मीमांसा / 35 संशय विकल्प का जागरण भी आत्मा के अस्तित्व को सिद्ध करता है / जो यह सोचता है 'मैं नहीं हूं' वह जीव है। अचेतन को अपने अस्तित्व में कभी संदेह नहीं होता। प्रसिद्ध आधुनिक दार्शनिक रेने देकार्ते ने इसके आधार पर आत्म अस्तित्व को सिद्ध किया है। अनुमान आत्मा के साधक अनेकों अनुमान उपलब्ध है। जैसे—' रूपाद्युपलब्धि: सकर्तृका, क्रियात्वात् छिदिक्रियावत् / यश्चास्याः कर्ता स आत्मा।' ___ रूपादि पदार्थों का ज्ञान सकर्तृक होता है। रूपादि की उपलब्धि क्रिया है। जैसे-छेदन क्रिया का कर्ता अवश्य होता है / इसका जो कर्ता है वह आत्मा है / यहां इन्द्रियों का कर्तृत्व नहीं है / वे तो करण होने से कर्ता के अधीन हैं / यदि उनको कर्ता माना जाये तो इन्द्रिय के विनष्ट हो जाने पर उनके द्वारा गृहीत विषय का स्मरण नहीं होना चाहिए किन्तु होता है। अतएव जो स्मार्ता है, वही आत्मा है। आत्मा ग्राहक, इन्द्रियां ग्रहण के साधन हैं और पदार्थ ग्राह्य है। बाधक-साधक प्रमाण . . ‘पदार्थ का नास्तित्व तब सिद्ध होता है जब उसके साधक प्रमाणों का अभाव हो अथवा बाधक प्रमाणों का सद्भाव। किन्तु आत्म अभ्युपगम के सन्दर्भ में ऐसा नहीं है। आत्मा के उपर्युक्त तथा अतिरिक्त अनेकों साधक प्रमाण मौजूद हैं तथा बाधक प्रमाणों का अभाव है। अतएव आत्मा का अस्तित्व निर्विवाद रूप से सिद्ध है। पाश्चात्य दर्शन एवं विज्ञान का अभिमत ___ पाश्चात्य दार्शनिकों ने भी आत्मा को स्वीकार किया है तथा उसके अस्तित्व में तर्क उपस्थित किए हैं। (1) प्लेटो के अनुसार आत्मा का अस्तित्व शरीर से पूर्ववर्ती है / उसका अस्तित्व स्वतंत्र है तथा उसका स्वतंत्र स्वरूप भी है / (2) अरस्तु के अनुसार आत्मा के कारण ही जीवित पदार्थों में जीवन का अस्तित्व है / (3) देकातें के अनुसार मैं सोचता हूं इसलिए मैं हूं। (4) इसी प्रकार डॉ. गेट्स ने भी आत्मा के बारे में कई प्रयोग किये। इन्होंने ऐसी प्रकाश किरणों की खोज की है, जिनका रंग कालापन लिए हुए गाढा लाला है। ये किरणें मरे हुए पशुओं से प्राप्त की गयी। इन्होंने एक मरणासन्न चूहे को गिला में रखकर ये किरणें उस पर फेंकी। दीवार पर उस चूहे की छाया दिखायी दी।
SR No.004411
Book TitleAarhati Drushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangalpragyashreeji Samni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year1998
Total Pages384
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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