________________ विषयानुक्रमणिका 1. जीव और शरीर के सम्बन्ध सेतु 2. आत्म-मीमांसा. 3. आत्मा एवं पुनर्जन्म 4. आत्मा का वजन 5. आत्मा की देह परिमितता 6. जीव की पहचान 7. जीव और जीवात्मा अर्हत् की सर्वज्ञता 9. विचयध्यान और अनुप्रेक्षा 10. जैनयोग में अनुप्रेक्षा 11. धुताध्ययन : एक परिशीलन 12. सम्यग् दर्शन : स्वरूप विमर्श 13. द्रव्य एवं अस्तिकाय की अवधारणा 14. गुण पर्याय भेद या अभेद 15. परिणामवाद 16. तत्त्ववाद के क्षेत्र में जैन दर्शन की मौलिक देन 17. द्रव्यार्थिक, एवं पर्यायार्थिक नय 18. व्यञ्जनपर्याय और अर्थपर्याय 19. द्वादशार नयचक्र में नय का विश्लेषण 20. निक्षेपवाद 21. सत्य व्याख्या का द्वार : अनेकान्त 22. अनेकान्त का तात्त्विक एवं तार्किक आधार 23. समाज व्यवस्था में अनेकान्त 24. अनेकान्त की सर्वव्यापकता 25. विभज्यवाद 26. स्याद्वाद