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________________ द्रव्यार्थिक एवं पर्यायार्थिकनय | 113' न्य के मिथ्या एवं सम्यक्त्व की कसौटी। दोनों नय अलग-अलग मिथ्यादृष्टि इसलिए है कि दोनों में से किसी के भी एक नय का विषय सत् का लक्षण नहीं बनता। सत् का लक्षण तो सामान्य एवं विशेष दोनों संयुक्त रूप से होते हैं अतएव यदि कोई एक नय अलग होकर वस्तु के सम्पूर्ण स्वरूप के प्रतिपादन का दावा करें तो वह मिथ्यादृष्टि है / जब ये दोनों नय एक दूसरे से निरपेक्ष होकर केवल स्वविषय को ही सद्रूप से समझने का आग्रह करते हैं, तब अपने-अपने ग्राह्य एक-एक अंश में सम्पूर्णता मान लेते हैं तब ये मिथ्यारूप है परन्तु जब ये दोनों नय परस्पर सापेक्ष रूप से प्रवृत्त होते हैं अर्थात् दूसरे प्रतिपक्षी नय का निरसन किये बिना उसके विषय में मात्र तटस्थ रहकर जब अपने वक्तव्य का प्रतिपादन करते हैं तब वे सम्यक् कहे जाते हैं तम्हा सव्वे वि.णया मिच्छादिद्वी सपक्खपडिबद्धा / ..अण्णोण्णणिस्सिया उण हवंति सम्मत्तसम्भावा / / निरपेक्षता से अव्यवस्था - किसी भी एक नय के पक्ष में संसार, सुख-दुःख एवं मोक्ष घटित ही नहीं हो सकते / द्रव्यास्तिक एवं पर्यायास्तिक दोनों नय के निरपेक्ष विषय में संसार बंधमोक्ष आदि घटित नहीं हो सकते क्योंकि द्रव्यास्तिक शाश्वत या नित्यवादी है तथा पर्यायास्तिक उच्छेद या नाशवादी है। सिद्धसेन दिवाकर ने कहा है णय दव्वद्रियपक्खे संसारो णेव पज्जवणयस्स। .. सासयवियत्तिवायी जम्हा उच्छेअवाईया॥ आचार्य हेमचन्द्र ने भी एकान्त में इन दोषों की उद्भावना की है-नैकान्तवादेसुखदुःखभोगौ न पुण्यपापे न च बंधमोक्षौ' उदाहरणार्थ यदि आत्म तत्त्व को एकान्त नित्य अथवा एकान्त क्षणिक माने तो उसमें संसार दुःख-सुख आदि कुछ भी घटित नहीं हो सकता। अतः दोनों नय सापेक्ष रूप से ही सत्य के प्रतिपादक हो सकते हैं। रत्नों का हारपना जैसे सत्र में पिरोये जाने पर विशिष्ट प्रकार की योजना पर अवलम्बित है वैसे ही नयवाद की यथार्थता उनकी परस्पर अपेक्षा पर अवलम्बित है। नय की मर्यादा प्रत्येक नय की मर्यादा अपने-अपने विषय का प्रतिपादन करने तक सीमित है . जब तक वे अपनी मर्यादा में रहते हैं तब तक यथार्थ है एवं अपनी मर्यादा का अतिक्रमण
SR No.004411
Book TitleAarhati Drushti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangalpragyashreeji Samni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh Prakashan
Publication Year1998
Total Pages384
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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