________________ 30 ] षडशीतिनामा चतुर्थः कर्मग्रन्थः सुहुमपरिहारअहखायछेयसामइयदेसजइअजया / थोवा संखेज्जगुणा, चउरो अस्संखणंतगुणा // 56 / / इय ओहिचक्खुकेवलअचक्खुदंसी कमेण विन्नेया। " थोवा अस्संखगुणा, अणंतगुणिया अणंतगुणा // 60 // सुक्का पम्हा तेऊ, काऊ नीला य किण्हलेसा य / थोवा दोऽसंखगुणाऽणंतगुणा दो विसेसहिया // 61 / / थोवा जहन्नजुत्ताणतयतुल्ल ति इह अभवजिया। तेहितोऽणंतगुणा, भव्वा निव्वाणगमणरिहा // 62 // सासाणउवसमियमिस्सवेयगक्खइयमिच्छदिट्ठीओ / / थोवा दो संखगुणा, असंखगुणिया अणंता दो // 63 / / सन्नी थोवा तत्तो, अणंतगुणिया असन्निणो 'होति। थोवाणाहारजिया, तदसंखगुणा 'सआहारा // 64 // मिच्छे सव्वे छ अपज्ज सन्निपज्जत्तगो य सासाणे। सम्भे दुविहो सन्नी, सेसेसु सन्निपज्जत्तो // 65 / / इय जियठाणा गुणठाणएसु जोगाइ वोच्छमेत्ताहे / जोगाहारदुगुणा, मिच्छे सासणअविरए य // 66 // उरलविउव्व वइमणा, दस मीसे ते बिउब्विमीसजुया। . देसजए एकारस, साहारदुगा पमत्तेते // 67 / / "एकारस अपमत्ते, मणवइआहारउरलवेउव्वा / / अप्पुव्वाइसु पंचमु, नव ओरालो मणवई य // 6 // चरमाइममणवइदुगकम्मुरलदुर्ग "ति जोगिणो सत्त / गयजोगो य अजोगी, वोच्छमओ बारसवओगे // 69 / / अच्चक्खुचक्खुदंसणमन्नाणतिगं च मिच्छसासाणे / अविरयसम्मे देसे, तिनाणदंसणतिगं ति छ उ / / 70 / / मीसे ते च्चिय मीसा, सत्त पमत्ताइसु समणनाणा / केवलियनाणदंसणउवओगा जोगजोगीसु // 71 / / / , १"हुति" इत्यपि / 2 "उ साहारा" इत्यपि / 3 "वय०" इत्यपि / 4 एकारस-ऽप्यमत्ते” इत्यपि / 5 "तु" इत्यपि। ६"तिच्चिय" इत्यपि /