________________ घडशीतिनामा चतुर्थः कर्मग्रन्थः अन्नाणतिगअभब्वे, सासणमिच्छे य पंच उवओगा / दोदंसणतियनाणा, ते अविभंगा असन्निम्मि // 48 // मणनाणचक्खुरहिया, दस उ अणाहारगेसु उवओगा। इय गइयाइसु नयमयनाणत्तमिणं तु जोगेसु / / 46 / / 'तणुवइमणेसु कमसो, दुचउतिपंचा दुअट्ठचउचउरो / तेरसदुबारतेरस, गुणजीवुवओगजोग. ति // 50 // लेसा उ तिन्नि पढमा, नारगविगलग्गिवाउकाएसु / एगिदिभूतरूदगअसन्निसु पढमिया चउरो // 51 / / केवलजुयलअहक्खायसुहुमरागेसु सुक्कलेसेव / लेसासु छसु सठाणं, गइयाइसु छावि सेसेसु / / 52 / / गइयाइसु अप्पबहु', भणामि सामन्नओ सठाणे वि / नरनिरयदेवतिरिया, थोवा दुअसंखणंतगुणा / 53 / / पणचउतिदुएगिंदी, थोवा तिन्न अहिया अणंतगुणा / तसतेउपुढविजलवाउहरियकाया पुण कमेणं // 54 / / थोवा असंखगुणिया, तिन्न विसेसाहिया अणंतगुणा / मणवयणकायजोगी, थोवा संखगुणणंतगुणा // 55 / / पुरिसेहिंतो इत्थी, संखेजगुणा नपुसणंतगुणा / माणी कोही 'मायी, लोभी कमसो क्सेिसहिया // 56 // मणपज्जविणो थोवा, ओहीनाणी तओ असंखगुणा / महसुयनाणी तत्तो, विसेसअहिया समा दो वि / / 57 // विभंगिणो असंखा, केवलनाणी तओ अणंतगुणा / तत्तोऽणंतगुणा दो, मइसुयअन्नाणिणो तुल्ला // 58 // 1 "केवलतणुजोगमि दो गुणचउजीवआइमा हुँति / मइसुभअन्नाणदुगं अच्चक्खू तिन्नि उवओगा // 1 // वेउव्विउरलजुयला कम्मणजोगो य पंच जोगत्ति / भमणवईए पढमा दो गुण जिय अटू चउ उवरि / / 2 / / चक्खुभवक्खू महसयअनाण चत्तारि हुंति उवओगा / कम्मण उरालजुयलं असच्चमासा य चउ जोगा // 3 // तेरस गुण मणजोगे अंतिम दो जीव बार उवओगा / तेरसजोगा य तहा कम्मोरलमिस्सवज त्ति // 4 // " एतद्गाथाचतुष्कं प्रक्षिप्ततयाऽधिकं दृश्यते हस्तलिखितमूलगाथाप्रतौ / 2 "माई लोमी" इत्यपि / , 3 "थोवा ओहिमाणी" इन्यपि /