________________ . षडशीतिनामा चतुर्थः कर्मग्रन्थः एत्तो गइइंदियकायजोयवेए कसायनाणेसु 7 / संजमदंसणलेसाभवसम्मे सन्निआहारे // 12 // सुरनरतिरिनरयगई, 'इगबितिचउरिंदिया य पंचिंदी। पुढवीआऊतेऊवाऊवणसइतसा काया // 13 // मण' वइकाया जोगा, इत्थी पुरिसो 'नपुसगो वेया। कोहो माणो माया, लोभो चउरो कसाय त्ति // 14 // मइसुयओहीमणकेवलाणि मइसुयअनाणविन्भंगा। सामाइयछेयपरिहारसुहुमअहखायदेसजयअजया // 15 // अञ्चक्खुचक्षुओही, केवलदंसणमओ य छल्लेसा / किण्हा नीला काऊ, तेऊ पम्हा य सुक्का य // 16 // भव्वअभव्वा खउवसमखइयउवसमियमीस सासाणं / मिच्छो य 'सन्नसन्नी, आहारणहार इय भेया // 17 // सुरनिरए सन्निदुर्ग, नरेसु तइओ. असन्निअपजत्तो / . तिरियगईए चउदस, एगिदिसु, आइमा चउरो // 18 // बितिचउरिदिसु दो दो, अंतिम चउरो पणिदिसु "भवंति / थावरपणगे पढमा, चउरो चरमा दस तसेसु // 19 // विगलतिअसन्निसनी, पज्जत्ता पंच होति विजोगे। मणजोगे 'सन्निक्को, पुमिस्थिवेए चरम चउरो // 20 // काओगिनपुसकसायमइसुयअनाणअविरयअचाखू / आइतिलेसा भवियरमिच्छ आहारगे सव्वे // 21 // मइसुयओहिंदुगविभंगपम्हसुक्कासु तिसु “य सम्मेसु / सनिम्मि ''य दो ठाणा, सनिअपज्जत्तपज्जत्ता // 22 // मणपज्जवकेवलदुगसंजयदेसजयमीसदिट्ठी सन्नी पजो चक्खुमि तिनिछ व पज्जियरचरमा // 23 // 1 "इगि०" इत्यपि / 2 "पंचेदी' इत्यपि / 3 "वयः' इत्यपि / 4 "नपुसओ" इत्यपि / 5 "सासाणा" इत्यपि / 6 "सन्नि०" इत्यपि / 7 "हति" इत्यपि / 8 "वय०” इत्यपि / / "सन्नेको" इत्यपि / 10 "वि" इत्यपि / 11 "उ" इत्यपि / 12 "०अर." इत्यपि पाठः /