________________ 8. कर्मविपाकाख्यः प्रथमः कर्मग्रन्थः ओरालिय' सरीरं, उदएणं होइ जस्स कम्मस्प / तं ओरालियनाम, सेससरीरा वि एमेव // 6 // अंगोवंगविभागो, उदएणं 'होइ जस्स कम्मस्स / तं अंगुवंगनाम, तस्स विवागो इमो होइ // 9 // सीसमुरोयरपिट्ठी दो बाह ऊरुया य अट्ठगा / अंगुलिमाइउवंगा, अंगोवंगाई सेसाई // 91 / आइल्लाणं तिह, हुति सरीराण अंगुवंगाई / 'नो तेयगकम्माणं, बंधणनाम इमं होइ // 12 // ओरालियओरालिय ओरालियतेयवंधणं बीयं / ओरालकम्मबंधण, तिण्हवि जोगे चउत्थं तु // 3 // ओरालपुग्गला, इह, बद्धा जीवेण जे उरालत्ते / अन्ने 'उ बज्झमाणा, ओरालियपुग्गला जे 'य / / 94 // तेसिं जं संबंध, "अवरोप्परपुग्गलाणमिह कुणइ / तं जउसरिसं जाणसु, ओरालियवंधणं पढमं // 65 // एवोरालियतेयग, ओरालियकम्मपंधणं तह य. / ओरालतेयकम्मगबंधणनामं पि एमेव // 66 // .. वेउव्वियवेउब्विय, वेउन्धियतेयवंधणं बीयं / वेउव्विकम्मवंधण, तिण्हवि जोए चउत्थं तु // 17 // वेउन्विपुग्गला इह, बद्धा जीवेण जे विउन्विते / अन्ने य वज्झमाणा, वेउवियपुग्गला जे उ // 9 // तेसिं जं संबंध, 'अवरोप्परपुग्गलाणमिह कुणइ / तं जउसरिसं जाणसु, वेउब्बियवंधणं पढमं // 6 // एवं विउवितेयग, वेउव्वियकम्मबंधणं तह य / बेउन्वितेयकम्मगवंधणनामं / पि एमेव // 10 // आहारगआहारग, आहारगतेयवंधणं बीयं / आहारकम्मवंधण, तिण्हवि जोए चउत्थं तु // 10 // आहारपुग्गला इह, आहारत्तेण जे निबद्धा उ / अन्ने य बज्झमाणा, आहारगपुग्गला जे उ // 10 // 1' जस्स होइ" इत्यपि / 2 "गो'' इति / 3.4 "उ” इति / 5-6 "अवरुप्पर” इति।