________________ अघाति-शुभा-ऽशुम परावर्तमाना-ऽपरावर्तमान-चतुर्विधविपाकप्रकृतयो मूलमावास्तदुत्तरमावसङ्ख्या च [ 21 नाणांतरायदंसणचउक्कपरघायतित्थमुरसासं / नामधुवबन्धिनवमिच्छभयदुगंछा अपरियत्ता // 47 // 51 // नाणावरणपणगं, अंतरायपणगं, दंसणावरणचउवकं, परघायतित्थयरनामं, उस्सासं, नामधुवबंधी नव, मिच्छत्तं, भयं, दुगुच्छा यः अपरियतामाणीउ उणतीसं / .. पडिवक्खे परियत्तमाणीओ। ता य इमा--गइचउक्क, जाइपणगं, सरीरतिगं, अंगोइंगतिगं, संघयणछक्क, विहायगईदुर्ग, आणुपुन्विचउक्कं, तसदसगं, थावरदसगं, आउचउक्कं, वेयणियदुगं. कसायसोलसगं, हासरइदुर्ग, अरइसोगदुर्ग, वेयतिगं, निद्दापणगं, उज्जोयआयवं, गोयदुर्ग चा परियत्तमाणीओ इगनउई / / 47-51 // दारं // .. "चउहविवागा य पयडीउ"त्ति, पुग्गलविवागिणीओ, जीवविवागिणीओ, खित्तभवविवागिणीओ - संघयणा 6 संगणा 6 सरीरु 3 वंगाणि 3 श्रायवु 1 ज्जोया 1 / नामधुवोदय 12 साहार१णियर १उवघाय१परवाया 1 // 48 // 52 / / संघयणछक्क, संठाणछक्कं, सरीरतिगं, तेयगकम्मइगे धुवोदयगहणेण गहिया; अंगोवंगतिगं, आयवं, उज्जोयं, नामधुवोदया; साहारणं, पत्तेयं, उवधायं, परघायं च छत्तीसा / एवं पुग्गलविवागीणि // 48 // 52 // उदइयभावा पुग्गलविवागिणो पाउ भवविवागीणि / खित्तविवागणुपुवी जीवविवागी उ सेसाउ // 4 // 53 // .. भवविवागी आउयचउक्कं / खेत्तविवागी अणुपुव्वीचउक्कं / जीवविवागीओ सेसाओ / ता य इमा-गइचउक्कं, विहायगइदुर्ग, जाइपणगं, तसतिगं, थावरतिगं, उस्सासं, सुभगाइचउक्कं, दुभगाइच उक्कं, गोयदुर्ग, वेयणियदुर्ग, तित्थयरं, सम्मत्तं, सम्मामिच्छत्तं, घाइपयडीओ पणयालं एवं अट्ठहत्तरि जीवविवागीणि // 46 // 53 // / "उदयभावा पुग्गल विवागिणो'इति, भावा कत्तिया कित्तियभेया य तं जाणणत्थं भण्णइ. भावा छच्चोवसमिय १खइयरखोवसम३उदयपरिणामा 5 / दु१नवटारि३गवीसातिग५भेया सन्निवायो य 6 // 50 // 54 // उपसमियर, खाइयंह, खाओवसमिओ१९, ओदइयं२१, परिणामियं३, सण्णिवायं .. च 53 // 50 // 54||