________________ सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे ठवणा Mo बंधठाणा- 28 29 30 31 / उदयठाणा उदयठाणा 26 | 30 / 26 30 | 26 | 30 | 29 | 30 | सत्ताठाणा 8888898412 | 92 | 13 | 13 | चउदुगचउत्ति गयं // 7 // (इति सप्तमगुणस्थानके) बंधा जहाऽपमत्ते अपुव्वकरणि जसकित्तिपंचमिया / तीसुदओ तह भंगा 72 पढमतिसंधयणसंभविया // 367 / / (510) [454] एगयरे संठाणे सरदुगखगईहिँ होइ चउवीसा / पढमतिसंघयणहया वाहत्तरि भंग सव्वे // (511) चउपढम संतठाणा अपुव्वकरणस्स एक्कउदयम्मि / एत्तो य नवरि वोच्छं जसकीत्ती बंधउदएसु // 398 / / 512) [455] जसकित्तीए बंधे उदओ तीसन्ह चउर सत्ताओ / एवं सत्ताठाणा अट्टेव अपुव्वकरणम्मि / (513) पणएगचउ त्ति गयं // 8 // (इत्यष्टमगणन्थानके) , एगेगमट्ट एवं बायरसुहुमाण दुण्ह पत्तेयं / / जसकित्तिबंधु तीसण्ह उदउ तह संतठाणाई // 396 / / (514) [456] चउपढमा उवसामग खवगा य पडुच्च बायरकसाए / तह तेरस खविएहिं चउरो खवगाण अट्ठट्ट / 400 / (515) [457] ___एगेगमट्ठ त्ति गयं / / 1-10 // (इति नवम-दशमगुणस्थान कयोः) बंधोवरमे उवसंत खीण तीसण्ह उदय पत्तेयं / चउचउरसंतठाणा उवसमखीणम्मि पुव्वुत्ता // 401 // (16) [458] सरखगइविवक्खेहिं चउरो चउवीस आगिई गुणिया / ते संघयणतिगेणं बाहत्तरि 'होति उवसंते // 402 / / (517) [456] . सरखगइविपक्खेहिं चउरो चउवीस आगिई गुणिया / खीणम्मि भंगसंखा नेया पढमम्मि संघयणे // (518) ___(एगं च उत्ति // 11-12 / / इत्येकादश-द्वादशगुण : न य :) केवलिसजोगिजोगिसु अट्ठ उ दो उदयठाण जहखं / दो दो संतवाणा तित्थातित्थाण जोगिस्म // 4.3 / / 519) [460] जे चउरो इह संता आसी छावत्तरी य दो तिन्नि / 1 "इंति' इति L D. प्रतौ। 2 "तित्थयरे” इति L D. प्रतौ /