________________ सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मगन्थे अडवीसुगुतीसतीसा बंधा साणम्मि बंधभंगा उ / अड चउसट्ठिसयाई बत्तीससयाइँ कमसो उ // 344 / / (442) [400] . | बंधट्टाणा | 28 | 26 | 30 | भंगा 8 64003200 छेवट्टहुंड मुत्तं पणपणगेणं गुणिज्ज थिरगाई / 128 / जम्हा न सासणम्मी हुंडं छेवट्ट बझंति // 345 / / (443) [401] तेण उणतीसबंधे चउसट्ठिसया उ मणुयतिरिएसु / 'उज्जोयतीसि भंगा बत्तीससया उ तिरियाणं // 346 // (444) [402] चउपढम तिनि चरिमा मिच्छगनवगाउ सासणे सत्त / अट्ठासी बाणउई सत्ताट्ठाणा उ साणम्मि // 347 / / (445) [403] पढमा उ चउरउदया इगिविगलपणिदिलद्धिपजाणं / पुव्वभवायायाणं करणि अपजाण संभविया // 348 // (446) [404] चउ पढमा एगिदिसु चउवीसं मुत्तु ते च्चिय तसेसु / णवरि पणवीसउदओ सुरेसु पुव्वुत्त एगिदी // (447) तिण्णुदया जे चरिमा उवसमसम्मम्मि अणउदय भणिया। पजत्तचउगईसु जे जस्स य केइ संभविया // 346 / / (448) [405] ___भंगा उदएसु के कस्स तं भन्नइबत्तीस दोन्नि अट्ठय बासी य सया य पंच नव उदया। बारहिगा तेवीसं बावन्नेकारस 'सया य ॥सूत्रम्-०||(४४६) [406] दो 2 छक्क 6 अट्ठ 8 अट्ठग 8 तह अट्ठग 8 सासणम्मि इगवीसे / इगि 1 विगल 2 सगल 3 मणु 4 सुर 5 पज्जत्ताणं च संभविया // 350 // (450) [407] बायरपत्तेयवणे पजत्तजसाजसेहि दो भंगा / इगवीसे चउवीसे 24 अट्ठय 8 पणवीसि देवाणं // 351 // (451) [408] 1 "उज्जोयतीसबंधे” इति L. D. प्रतौ / 2 "दुन्निअट्ठ य बासीइ" इत्यपि / 3 "सयाई” / L. D. प्रतौ।