________________ * गुणस्थानेषु मोहनीयस्य लेश्या आश्रित्योदयस्थानमङ्गास्तथा मोहनीयसत्तास्थानानि तथा [67 नाम्नो बन्धोदयसत्तास्थानमङ्गाः ठवणा बंधट्टाणा- 6 | 3 | 2 | 3 | 2 | 2 | 4 | 5 | 1 | 1 | * | * * * उदयठाणा / | 7 | 3 || 6 | 5 | 2 | 1 | 1 | 1 | 1 || 8 | 2 संतढाणा- 6 | 2 | 2 | 4|4|4|4|4|||| 4 | 4 | 6 | तीसंत छच्च बंधा उदया नव केवलीण मोत्तूण / पणता पुव्वुत्ता उणनवई मिच्छदिद्विस्स // 338 // (434) [393] बंधभंगाचंउ पणवीसा सोलस नव वाणउई सया य चत्तोला / बत्तीसुतरछायालसया मिच्छस्स बंधविही ॥सू.-०॥ (435) [364] ____ बंधभंगा 13926 / / सत्तट्ठहारकेवलि 'भंगतिगं जइ विउव्वि संभविया / मोत्तृण सेस सव्वे मिच्छद्दिविस्स संभविया // 336 // (436) [365] संवेहो. उदएसु बंधे बंधे य संतचालीसा / नवर उणतीसबंधे "नेरइय पडुच्च उणनउइ // 340 // (437) [396] इगवीसे पणवीसे सगवीसे अट्ठवीसउणतीसे / उणतीसबंधगा ए पंचसु उदएसु नेरइया // (438) तित्थयरसंतकम्मी नरए बंधाउ अंतरमुहुत्तं / मिच्छत्तवेयगो सो पंचसु नेरइयउदएसु // 341 // (439) [367] अट्ठावीसे बंधे अंतिल्ला दोन्नि उदय मिच्छस्स / / चउतिगसत्ताठाणा पुव्वुत्ता सत्त सव्वेवि // 342 / / (440) [398] पणवंधेसु दोसय अडवीसे सत्त पंच उणतीसे / दोन्नि सय बारसुत्तर सत्ताट्ठाणाइँ मिच्छम्मि // 343 / / (441) [369] ठवणा- | बंध० / 23 / 25 / 26 / 28 / 26 / 30 / | सत्ता० 40. 40 40 |10/5 40 / / 9 9 8 (छन्नवछक्कं ति गयं // 1 // इति प्रथमगुणस्थानके) 1 "वीस अट्ट नव मुत्तु / " इति L. D. प्रतौ / 2 "भंगा तिग' इति L. D. प्रतौ। 3 "मुत्तण" इति L. D. प्रतौ / 4 “अहिया उणनवा पणभेया // 43 // " इति L. D. प्रतो। 212 उदया