________________ 46 ] सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे पज्जत्त'सुहुम एगो इगवीसे दुगदुगं च इयरेसु / साहारणइयरेहिं भंगा पण पंचसंतसा // 248 // (311) [286] इगवीसे चउवीसे इग दुग पणसंतभंगया तिन्नि / / तह पणवीसछवीसे इक्केक्को अजसउदएणं // 246 // [287] पणवीसे छवीसे इक्केको पंच संतसो / (312) 'दो इह भंगा अन्ने साहारणि "पण्णवीस छव्वीसे / अट्ठत्तरी न तेसिं तेऊवाऊण संभवइ // 250 // (313) [288] सुहमे पज्जे उदया चउरो पत्तेय पंच संतंसा / चउ पंचा इह वीसं बंधे बंधे य पत्तेयं // (314) ... . सुहमगिदियपज्जत्तठवणाजंतइयंसुहमे पज्जे पणचउपणगं ति बंधठाणा बंधभंगा| उदय- | सत्तापणबंधा चउउदया पणसंता उदयठा० | 21 / 23 | 25 26 / 23 | 4 | 7 | 20 पणसंता / 1 | 2 प्र.१ प्र.१ 25 / 25 / / चउसंता . . सा.१ सा.१/ 26 / 16. 7 सत्तठाणा 62 | 26 | 1240 / 7 पणसंता 30 4632 | 7 / 20 चउभंगा, | सव्वे- 13617 | 35 | च उसंता सुहुमपज्जत्तबंधभंगसंखा 13617 दुन्निभंगा। 78 भंगा ठाणा 100 पणगा तिन्नेव त्ति। तिविगप्प बायराणं बंधोदयसंत पणग पत्तेयं / बंधा उ अपजसमा उदया पंचेव पुण एए // (315) . पायरइगवीसाए दो भंग जसेयरेहि पणसंता / जसपत्तेइयरेहिं चउरो चउवीसि तह चेव // 251 // (316) [286] . 1 "सुहुमि' इति L. D. प्रतौ / 2 "०रणेय०" इति L. D. प्रतौ। 3 "दो भंगा इह" इति / 4 ‘पन्नवीसि" इति च L. D. प्रतौ / 5 इदं यन्त्रं L. D. प्रतावस्ति, J. प्रतिप्रेसकोप्यां नास्ति।