________________ जीवस्थानेषु नाम्न बन्धोदयसत्तास्थानभङ्गाः ते पणवीसछ्वीसे चउरो चउरो य एसि 'दुगभंगा / पत्तेयअजसचरिया पण संता हुंति नायव्वा // 252 // (317) [290] एगिदिअपज्जाणं छब्भंगा सुहमि पज्जि पंचेव / अड बायरपज्जत्ते सव्वे उणवीस पंचंसा // 253 // (316) [261] "सेसा उज्जोयचरिया चउरो दो आयवेण भंगा उ / छव्वीसे सगवीसे तिगवाउविउब्धि पुच्चुत्ता // 254 // (318) [292] पंचेव उदयठाणा चउरो पणसंत एगु पणसंतो / चउवीससंतभेया बंधे बंधे य पत्तेयं // (320) उणवीसं पणसत्ता सेसा तेवीस चउरसंता उ / बायालीसविगप्पा एगिदियसयलउदएसु // 25 // [293] पज्जत्तजसजसेहिं . दो दो इगवीसि तह य छव्वीसे / बेइंदियतियचउरिंदियाण पण पण संतंस पत्तेयं // 256 / [264] विगलअपज्जत्ताणं तिगतिग इगवीसि तह य छव्वीसे / पुव्वुत्ता भंगा बारस पुण एए (त्ति) अट्ठारा // 25 // [265] सूभगआएज्जजसेयरेहि अट्ठव पज्जइगवीसे / संघयणागिइ भणिया उदए छव्वीसए भंगा / / 258 / / [296] इय सन्निप्रसन्नीणं तिरियाणं पंच अंसिया नेया 576 / सेसा उ सव्वभंगा अद्वत्तरिवज्ज संभविया // 259 / / [267] नामे इह संवेहे जीवठाणेसु. बंधसंखाओ / बंधेसु . उदयसंखा उदएसु य संतसंखा उ // 260 // (309) [298) १“एक्केक्के” इति L. D. प्रतौ / 2 "सेसचउसंता" इति L. D. प्रतौ। 3 "पणसंता" इति L. D. प्रतौ / 4 "अन्ने” इति L. D. प्रतौ / 5 "दुस्सु वि उदएसु दुन्नि पत्तेयं" इति L. D. प्रतौ / / ............